Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को सोमवार (2 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। बता दें कि जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से मिली सात साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। मालूम हो कि मुख्तार अंसारी की तरफ से इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सात साल की सजा पर स्टे लगा दिया है।

Supreme Court से योगी सरकार को भी जारी हुआ नोटिस:

बता दें कि मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 19 साल पुराने मामले में सात साल की सजा हुई थी। यह मामला एक जेलर के ऊपर पिस्तौल तानने और धमकाने से जुड़ा है। मुख्तार अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस भी जारी किया।

इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि अंसारी को इस मामले में बरी करने का निचली अदालत का आदेश कानून के मुताबिक था। बता दें कि सर्वोच्च अदालत में मुख्तार अंसारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए।

कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्तार अंसारी के ऊपर चल रहे 19 साल पुराने मामले में शिकायतकर्ता और किसी भी गवाह ने वारदात की पुष्टि नहीं की। लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा मुख्तार अंसारी को बरी करने वाले आदेश पर रोक लगा दी और कथित अपराध के लिए मुख्तार अंसारी को दोषी करार देकर सजा सुनाई।

पीठ ने कहा कि फिलहाल वह अंसारी की याचिका पर राज्य सरकार का जवाब देखना चाहती है, उसके बाद ही अपना अंतिम आदेश सुनाएगी। अंसारी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के पिछले साल 21 सितंबर के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया गया था। बता दें कि न्यायालय ने जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को 37 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई थी।

क्या था मामला:

साल 2003 में लखनऊ के तत्कालीन जेलर एस के अवस्थी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ आलमबाग थाने में केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया था कि अंसारी ने उनसे गाली-गलौज करते हुए उन पर पिस्तौल भी तान दी थी।