मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास एक नया रेलवे ओवरब्रिज बनकर लगभग तैयार हो गया है, लेकिन इसके चालू होने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। यह विवाद समय पर काम पूरा न होने या लागत बढ़ने को लेकर नहीं है, बल्कि इसकी डिजाइन को लेकर है।

आलोचकों का कहना है कि इस पुल के डिजाइन में एक गंभीर खामी है जो भविष्य में बड़े हादसे का कारण बन सकती है। दरअसल, पुल पर लगभग 90 डिग्री का तीखा मोड़ है, जिसे वाहन चालकों को पुल पर चढ़ते ही पार करना पड़ेगा। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा।

विभागीय मंत्री ने आरोपों को खारिज किया

कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर इस डिजाइन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। इसके जवाब में राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर पुल का निर्माण किया गया है। फिर भी अगर कोई तकनीकी खामी सामने आती है तो उस पर विचार किया जाएगा। मंत्री ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया।

यह ओवरब्रिज करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसकी लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8.5 मीटर है। इसे महामाई का बाग, पुष्पा नगर और रेलवे स्टेशन क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों को नए भोपाल से जोड़ने के लिए बनाया गया है। इससे रेलवे क्रॉसिंग पर घंटों खड़े रहने की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी। सरकारी अनुमान के मुताबिक, इस पुल से हर दिन करीब तीन लाख लोग लाभान्वित होंगे।

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हालांकि, यह प्रोजेक्ट भी देरी का शिकार हुआ। मार्च 2023 में शुरू हुए इस पुल को 18 महीनों में पूरा करना था, लेकिन बिजली की लाइनों के स्थानांतरण और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के चलते इसे पूरा होने में 36 महीने से ज्यादा का समय लग गया।

लोक निर्माण विभाग के पुल विभाग के मुख्य अभियंता वीडी वर्मा के अनुसार, मेट्रो स्टेशन के चलते भूमि सीमित थी, इसलिए डिजाइन में विकल्प कम थे। इस ओवरब्रिज पर केवल हल्के वाहनों को ही चलने की अनुमति होगी, भारी वाहनों पर रोक रहेगी। (PTI Input के साथ)यहां पढ़ें रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर में तोड़फोड़