यूपी के हाथरस में हुए भयानक भगदड़ कांड को लेकर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा न्यायिक आयोग के सामने कुछ अंदाज में पेश होने पहुंचे कि मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दरअसल लखनऊ में न्यायिक आयोग के सामने आज बाबा को पेश होना था। बाबा सफेद रंग की फॉर्च्यूनर गाड़ी से पहुंचे, इस गाड़ी पर बीजेपी का झंडा लगा हुआ था। जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ। साथ ही बाबा की सुरक्षा को लेकर हाई लेवल सिक्योरिटी का घेरा भी देखने को मिला। पुलिस के आला अफसर बाबा का चाक चौबंद में नजर आए।
बीते 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 30 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। इस सत्संग में मुख्य कथा वाचक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा था। इस भगदड़ को लेकर न्यायिक जांच चल रही है।
कौन है नारायण साकार उर्फ भोले बाबा
नारायण साकार जिसका असली नाम सूरजपाल था। सूरजपाल ने अपना नाम बदल कर नारायण साकार हरि रख लिया और अपने अनुयायियों के लिए भोले बाबा बन गया। शुरुआती दिनों वो पुलिस में नौकरी करता था लेकिन अचानक उसने अध्यात्म की दुनिया में एंट्री मारी और अपना नाम बदल लिया।
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अरबों की संपत्ति का मालिक
भोले बाबा पास चल और अचल मिलाकर कुल 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति बताई जाती है। बाबा जब एक जगह से दूसरे जगह पर जाता है तो उसके साथ 25 से 30 गाड़ियों का काफिला चलता है। वहीं उसके पास एक दो नहीं बल्कि कुल 24 आश्रम हैं। बताया जाता है कि नारायण साकार हरि अपने कार्यक्रमों में अनुयायियों से पैसा और चढ़ावा नहीं लेता है। फिर भी उसके पास आलीशान आश्रम और महंगी गाड़ियों का काफिला मौजूद हैं।