मुख्यमंत्री हरीश रावत के आश्वासन पर बागी पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने पिछले दो दिनों से चला आ रहा धरना समाप्त कर दिया। भीमलाल आर्य दो दिन से मुख्यमंत्री आवास बीजापुर गेस्ट हाउस के बाहर हरीश रावत के खिलाफ धरने पर बैठे हुए थे। और उन्होंने रावत पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भीमलाल आर्य का मामला पार्टी हाईकमान के पास पहुंचाया था। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने हरीश रावत पर भीमलाल आर्य के मामले को जल्द निबटाने का दबाव डाला। पार्टी हाईकमान के दबाव के बाद रावत ने कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, कांग्रेस विधायक ममता राकेश समेत कई कांग्रेस के नेताओं को आर्य को मनाने के लिए भेजा। इससे पहले हरीश रावत बीजापुर गेस्ट हाउस के मुहाने पर बैठे भीमलाल आर्य से मिलने नहीं गए थे।
बीती देर रात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एकाएक भीमलाल आर्य को अपने सरकारी आवास पर बुलाया। और कई दौर भीमलाल आर्य से मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत चली। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भीमलाल आर्य के विधानसभा क्षेत्र घनसाली में सभी जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग मान ली। साथ ही रावत ने आर्य को यह भरोसा दिलाया कि उन्हें घनसाली विधानसभा सीट से अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जैसे ही उनकी मांगों को मानने की घोषणा की वैसे ही आर्य रो पडेÞ। और जो आर्य दो दिन से हरीश रावत पर धोखाधड़ी और अपना उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहे थे, अब वे भीमलाल आर्य ‘हरीश रावत जिंदाबाद और जब तक सूरज चांद रहेगा-हरीश रावत तेरा नाम रहेगा और भीमलाल आर्य हरीश रावत का लाल रहेगा ह्य के नारे लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भीमलाल आर्य उनके बेटे की तरह हैं। और रूठे बच्चों को मनाना पिता का काम होता है। वहीं भीमलाल आर्य ने रावत को पिता समान बताते हुए उनकी जमकर तारीफ की और उन्हें विकास पुत्र बताया। बहरहाल, पिछले दो दिनों से चल रहा विवाद यही थम गया।