Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के 52वें दिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ के तेलंगाना के धर्मपुर से पदयात्रा शुरू की। इस दौरान पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस बीच राहुल गांधी शनिवार (29 अक्टूबर) को तेलंगाना में कलाकारों के साथ पारंपरिक नृत्य करते नजर आए।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इस दौरान दिवाली के मौके पर 24 और 25 अक्टूबर को भारत जोड़ो यात्रा नहीं हुई थी, जबकि 26 अक्टूबर को कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण समारोह के चलते पदयात्रा नहीं हुई।
तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा 7 नवंबर तक रहेगी, जिसके बाद सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। इस दौरान राहुल गांधी हर दिन करीब 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलेंगे और 375 किमी की दूरी तय करेंगे। पदयात्रा तेलंगाना के 19 विधानसभा और 7 संसदीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। चार नवंबर को यात्रा एक दिन का विराम लेगी। राज्य में यात्रा का यह चौथा दिन है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि राहुल पूरे तेलंगाना में प्रार्थना स्थल, मस्जिद और मंदिर जाकर वहां पूजा-अर्चना भी करेंगे। तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी कई जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान वह स्थानीय लोगों से बातचीत भी करेंगे।
सोशल मीडिया पर छाए वीडियो: वहीं, इस दौरान राहुल गांधी मार्शल आर्ट के छात्रों से भी मिले। कांग्रेस ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “मार्शल आर्ट के छात्र होने के नाते, राहुल गांधी के रास्ते में युवा लड़ाकू खेल उत्साही लोगों के साथ मुलाकात ने दिन की एक नई शुरुआत की।” इस दौरान राहुल का बकरी को कंधे पर उठाए हुए भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
किसानों से की बातचीत: तेलंगाना में राहुल गांधी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों के किसानों और किसान प्रतिनिधियों से बातचीत की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि बटाई पर खेती करने वाले किसानों की आत्महत्या, फसल बीमा का अभाव और आपदा राहत और ‘धरणी’ भूमि रिकॉर्ड पोर्टल से संबंधित समस्याओं पर विचार किया गया।
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी ने वादा किया कि आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के घोषणापत्र में कृषि संबंधित मुद्दों पर बहुत स्पष्ट रूप से जोर रहेगा और इसे सभी पक्षकारों के साथ यथासंभव व्यापक चर्चा के बाद तैयार किया जाएगा।’’