बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के टूटने के बाद नीतीश कुमार सरकार भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गई है। इस बीच, बिहार के मंत्री तेज प्रताप यादव ने पुल के टूटने के लिए भारतीय जनता पार्टी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा कि वह पुल बना रहे हैं और भाजपा उन्हें गिरा रही।

पत्रकारों ने जब उनसे पुल के ढह जाने को लेकर सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा, “पुल को भाजपा ने गिराया है। हम पुल बना रहे हैं और वे उन्हें ध्वस्त कर रहे हैं।” इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि गंगा नदी के ऊपर निर्माणाधीन पुल गिरने के मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पुल का निर्माण ठीक से नहीं किया जा रहा है और यही कारण है कि यह अप्रैल 2022 से दो बार गिर गया। उन्होंने आगे कहा, “यह एक गंभीर मामला है … संबंधित विभाग ने पहले ही इसकी गहन जांच शुरू कर दी है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई थी कि 2014 में शुरू हुआ पुल निर्माण कार्य अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ। नीतीश ने कहा, “यह समय से पीछे क्यों चल रहा है? मैंने संबंधित विभाग से इसकी भी जांच करने को कहा है। उपमुख्यमंत्री इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।”

वहीं, भाजपा इस मुद्दे पर महागठबंधन सरकार को निशाने पर ले रही है। बिहार भाजपा ने एक बयान जारी कर नीतीश के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के सड़क निर्माण विभाग के पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “उपमुख्यमंत्री सच्चाई छिपा रहे हैं…वह तथ्यों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। जब पुल का निरीक्षण करने वाले विशेषज्ञों ने पहले ही सरकार को सूचित कर दिया था, तो सरकार ने निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति क्यों दी? विभाग को इसे तुरंत रोकना चाहिए था।”

पटना हाईकोर्ट पहुंचा मामला

गंगा नदी पर बन रहे अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें पुल ढहने के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। रविवार को बन रहा अगुवानी-सुलतानगंज पुल भरभरा कर गंगा नदीं मे गिर गया था। इसका वीडियो भी सामने आया था।