भागलपुर पुलिस ने हथियारों की खेप लेकर आ रहे तस्करों के गिरोह के पांच लोगों को दबोचा है। ये सभी मुंगेर जिले के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक ये झारखंड से भागलपुर होकर मुंगेर हथियारों को फिनिशिंग कराने ले जाने वाले थे। पुलिस ने इनके पास से दो बैगों में भरी 9 एमएम की 36 अर्धनिर्मित पिस्तौल बरामद की है। गिरफ्तार लोगों की पहचान बिट्टू कुमार, राहुल कुमार, छोटू मंडल, शमशाद और मंजीत कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के खिलाफ मोजहिदपुर थाना में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मंजीत ने अपना अपराध भी कबूला है।
पुलिस को खबर थी कि बोकारो से भागलपुर आने वाली बस से दो तस्कर हथियारों की खेप लेकर आ रहे हैं। इंस्पेक्टर मनोरंजन के नेतृत्व में निगरानी के लिए एसटीएफ के जवान लगाए गए। आरोपी रविवार देर शाम भागलपुर से 40 किलोमीटर दूर सादे कपड़े में बौसी पहुंच बस पर सवार हो गए। भागलपुर के मोजहिदपुर में बस रुकी तो वहां पहले से इंतज़ार कर रहे गिरोह के दूसरे लोगों को दोनों बैग बस से उतरे दो लोगों ने दी। मौके पर ही पुलिस ने इन सबों को दबोच लिया। एक आरोपी राहुल भागने में सफल रहा। जिसे मुंगेर उसके घर से बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड से भागलपुर 22 बसें आती हैं। अब इनमें नियमित चेकिंग की जाएगी। ऐसी हिदायत दी गई है। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि ये हथियार मुंगेर में फिनिश होकर उत्तर प्रदेश भेजे जाने वाले थे। वहां चुनाव के मद्देनजर हथियारों की मांग बढ़ी है। दरअसल यह काम मुंगेर में ही अवैध तरीके से फैला है। वहां का वरधे गांव तो अवैध हथियार बनाने वाले कारीगरों की खान है। अब ये कारीगर अपना ठिकाना बदल झारखंड चले गए हैं। लेकिन फिनिशिंग करने का हुनर अभी भी मुंगेर में ही है। तस्करी का धंधा भी मुंगेर से ही होता है।
राजन शर्मा बंदूक कारखाने के मालिक हैं। ये बताते हैं कि अवैध धंधा पनपने की वजह से कमाई नहीं के बराबर है। इस धंधे में 20 से 25 साल के जवान लड़के लगे हैं। जो कुरियर का काम करते हैं। जानकार बताते हैं कि मुंगेर के बने हथियारों की मांग काफी है। इनकी फिनिशिंग के बाद असली नकली में फर्क करना मुश्किल होता है। ऐसे पिस्टल केवल 10 से 12 हजार में आसानी से हासिल किए जा सकते हैं।