पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक दल इसकी तैयारी करने में जुटे हैं। वहीं सत्ता में बैठी टीएमसी (TMC) पंचायत चुनाव से पहले अपनी छवि को साफ करने के प्रयास में जुटी हुई है। इस साल पंचायत चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। उसी को देखते हुए टीएमसी अपनी छवि को फिर से बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान शुरू कर रही है।
टीएमसी की ये कवायद तब शुरू हुई है जब इसने अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया है और इसके कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहे हैं। पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी, दो अन्य विधायक और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल जैसे वरिष्ठ नेताओं को पिछले साल स्कूल नौकरी घोटाले और पशु तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
ग्राम परिषद चुनावों के सभी स्तरों पर अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों और नेताओं के कामकाज और आचरण का आकलन करने के लिए टीएमसी I-PAC का सहारा ले रही है। तृणमूल ने हाल ही में एक अभियान शुरू किया, जहां गुप्त मतदान प्रणाली के माध्यम से लोगों की प्रतिक्रिया पर पार्टी उम्मीदवारों का चयन करेगी।
जनसंपर्क कार्यक्रम “तृणमूल-ए नबजोवर” (तृणमूल में नई लहर) का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी करेंगे। इसके तहत वह कई हफ्तों तक पूरे राज्य में घूमेंगे और अपने पसंदीदा उम्मीदवारों पर जनता से प्रतिक्रिया मांगेंगे, जिन्हें पार्टी नॉमिनेट करेगी। हाल ही में रामनवमी पर हावड़ा में हिंसा हुई थी, जिसके बाद टीएमसी पर हिंदू विरोधी होने पर आरोप भी लगाए थे। बीजेपी ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर पुलिस और सरकार सक्रिय होती तो इतनी बड़ी हिंसा नहीं होती।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने पीटीआई से कहा, “यह पहली बार है कि पार्टी ने इतने बड़े पैमाने पर सड़े हुए तत्वों को हटाने के लिए एक सुधार अभियान शुरू किया है। इससे हमें लोगों तक पहुंचने और उनकी शिकायतों को दूर करने में मदद मिलेगी। यह लोगों के साथ एक मजबूत संबंध बनाने में भी मदद करेगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में लगभग 78,000 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चुनाव अभियान के दौरान की जा रही गुप्त मतदान प्रणाली से मिले फीडबैक के आधार पर होगा।”
अभिषेक बनर्जी ने कूचबिहार में एक रैली के दौरान कहा था, “यह प्रणाली (उम्मीदवारों के चयन) पश्चिम बंगाल में पंचायती राज प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और पूरे देश के लिए एक उदाहरण होगी। यह प्रणाली भ्रष्टाचार को समाप्त कर देगी और लोगों की पंचायत का निर्माण करेगी जैसा कि महात्मा गांधी ने कल्पना की थी।”