पश्चिम बंगाल में खुफिया एजेंसियों को सरकार की तरफ से एक नया काम दिया गया है। सुनने में यह भले ही थोड़ा अजीब लगे लेकिन खुफिया एजेंसियां अब उन स्थानों का पता लगाएंगी जहां सीएम को देखकर जय श्रीराम के नारे लग सकते हैं। टेलीग्राफ की खबर के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मानना है कि ये नारे उकसावे के लिए लगाए जा रहे हैं।
वहीं, भाजपा इसे ममता सरकार की दमनकारी नीतियों के प्रति अवज्ञा के रूप में देख रही है। खुफिया एजेंसियों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान के साथ ही ममता बनर्जी के उस क्षेत्र में मेन रूट के साथ ही वैकल्पिक रूट को चिह्नित करने की बात कही गई है। सूत्रों ने बताया कि यह सुनने में भले ही असामान्य लगे लेकिन यह निर्देश मिला है।
हालांकि यह साफ नहीं है कि कैसे जमीन पर इस निर्देश का पालन किया जाएगा। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि ममता की यात्रा वाले मार्ग को ‘बिल्कुल खाली’ कराया जा सकता है। सामान्य रूप से उस तरह के मार्ग को पूरी तरह से बिल्कुल खाली कराया जाता है जहां नेताओं के खिलाफ काले झंडे दिखाने या विरोध प्रदर्शन की आशंका होती है।
हालांकि, जय श्री राम का नारा लगाने वालों की पहचान करना आसान नहीं होगा। वहीं, जय श्रीराम बोलना गैरकानूनी भी नहीं है। इससे पहले मुख्यमंत्री नारे के बाद एक से अधिक बार सार्वजनिक रूप से गुस्से का प्रदर्शन कर चुकी हैं। भाजपा की तरफ से इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया गया था। इस नारे पर ममता की प्रक्रिया को हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भी अपने चुनाव भाषण में इस बात का कई बार जिक्र किया था। इससे पहले बैरकरपुर से भाजपा के सांसद अर्जुन सिंह ने शनिवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर उन्हें 10 लाख ‘जय श्रीराम’ लिखे कार्ड भेजने की बात कही थी। इससे पहले भाटपारा और नैहाटी में भी ममता के खिलाफ जयश्री राम के नारे लगाए गए थे।