तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग के लिए परेशानी बढ़ती दिख रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में मवेशी घोटाले (Cattle Scam) के संबंध में नई कुर्की और छापेमारी शुरू की है। अनुब्रत मंडल की परेशानियां बढ़ रही हैं।

टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के ट्रस्ट के बैंक खाते सीज

ईडी ने इसी हफ्ते बीरभूम में एक ट्रस्ट के दस्तावेज जब्त किए थे और संबंधित बैंक खाते सीज किए थे। यह ट्रस्ट कथित तौर पर वरिष्ठ टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल से जुड़ा है। उन्हें घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईडी अब कुछ टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं को नए समन जारी कर सकती है। साथ ही पहले ही पेश हो चुके कुछ नेताओं को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को वरिष्ठ तृणमूल नेताओं के मनी ट्रेल्स और कुछ हवाला ऑपरेटरों के साथ उनके कथित संबंधों का पता चला है। एक सूत्र ने कहा, “जांच के दौरान हमें कुछ नए विवरण मिले, जिससे हमें नए रास्ते मिले। हम पहले ही बीरभूम स्थित एक ट्रस्ट के बैंक खाते जब्त कर चुके हैं और वे अनुब्रत मंडल से जुड़े हैं। हमने उस व्यक्ति की भी पहचान कर ली है जिसके नाम पर ट्रस्ट बनाया गया था। हमने कुछ और बेनामी संपत्तियों की पहचान की है।”

ईडी के सूत्रों ने बताया, “अनुब्रत मंडल, उनके सहयोगियों और कुछ वरिष्ठ राजनेताओं ने ट्रस्ट के नाम पर पब्लिक फंड जुटाया, उसकी हेराफेरी की और इसे राजनीतिक फंडिंग के रूप में इस्तेमाल किया।” मामले के संबंध में जिलों में भी तलाशी अभियान चलाया जा सकता है। अधिकारियों ने आगे कहा कि ईडी कुछ वरिष्ठ राजनेताओं और कुछ सरकारी अधिकारियों को नए समन भी जारी कर सकता है।

कौन है अनुब्रत मंडल?

अनुब्रत मंडल को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है। बंगाल में बीरभूम को मंडल का गढ़ माना जाता है और यहां उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को काफी मजबूत भी किया। बीरभूम की 11 विधानसभा सीटों में से टीएमसी के पास फिलहाल 10 सीटें हैं। बंगाल की राजनीति में मंडल को गेमचेंजिंग प्लेयर माना जाता है। अनुब्रत मंडल को बंगाल और बीरभूम में प्यार से ‘केशतो दा’ कहा जाता है। दिलचस्प यह है कि तीन दशक से अधिक समय तक राजनीति में रहने के बावजूद मंडल ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा।