Beant Singh family: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेता बेअंत सिंह (Beant Singh) का नाम इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। दरअसल मामला चंडीगढ़ में बेअंत सिंह के सरकारी आवास को खाली कराने से जुड़ा है। बता दें कि आदेश के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन के संपत्ति अधिकारी बेअंत सिंह के सरकारी आवास को खाली कराने में विफल रहे। बता दें कि बेअंत के बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश ने कथित तौर पर सरकारी आवास को खाली करने से इनकार कर दिया था।

बेअंत सिंह का राजनीतिक परिवार और उनकी कहानी:

बता दें कि बेअंत सिंह का कांग्रेस और खासकर पंजाब (Punjab) में काफी असरदार स्थान रहा। बेअंत सिंह के परिवार के सदस्य दशकों से अलग-अलग भूमिकाओं में कांग्रेस (Congress) पार्टी से जुड़े हुए हैं। इस परिवार को पंजाब के प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक माना जाता है। आइए जानते हैं बेअंत सिंह के परिवार के सदस्यों की राजनीतिक पारी पर एक नजर-

पंजाब में उग्रवादियों द्वारा बेअंत सिंह की हत्या 31 अगस्त, 1995 को की गई थी। उनके तीन बेटे, तेज प्रकाश, स्वर्णजीत सिंह नोनी और सुखवंत सिंह थे। इसके अलावा बेअंत सिंह की दो बेटियां, मनजीत कौर मंगत और गुरकंवल कौर हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार स्वर्णजीत सिंह नोनी की 1986 में बीमारी के चलते मौत हो गई। उस दौरान वह पंजाब की राजनीति में प्रवेश करने वाले थे।

वहीं सुखवंत सिंह का निधन नवंबर 2016 में हुआ था। सुखवंत लुधियाना के पायल के कोटली गांव के सरपंच थे। इसके अलावा वे लुधियाना जिला परिषद के अध्यक्ष भी बने। सुखवंत अपने परिवार में किसानी का भी काम संभालते थे। पाकिस्तान से पलायन करने के बाद उनका परिवार कोटली गांव में रहने से पहले पायल के बिलासपुर गांव में आया था। वहां उनका घर अभी भी है।

बता दें कि बेअंत सिंह की हत्या उनके मुख्यमंत्री रहते की गई थी। उनकी हत्या के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरचरण सिंह बराड़ ने पंजाब सरकार की कमान संभाली थी। बराड़ ने सितंबर 1995 में बेअंत सिंह के बेटे तेज प्रकाश को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। हालांकि वह उस समय विधायक नहीं थे। वहीं बाद में मंत्री बनने के 6 माह बाद विधानसभा की सदस्यता हासिल न करने के चलते उन्होंने मार्च 1996 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

तेज प्रकाश ने 2002 और 2007 में पायल निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। 2002 में तेज प्रकाश पंजाब के परिवहन मंत्री बने। हालांकि मध्यावधि हुए कैबिनेट फेरबदल के दौरान उस समय कांग्रेस में रहे सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें हटा दिया और उनकी बहन गुरकंवल कौर को समाज कल्याण विभाग मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव के रूप में शामिल कर लिया।

आगे चलकर हालात बदले तो 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने गुरकंवल को टिकट देने से मना कर दिया। जिसके बाद उन्होंने फरवरी 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़ तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गईं। हालांकि केवल 4 दिनों बाद ही वो फिर से कांग्रेस में लौट आईं।

बता दें कि बेअंत सिंह के बेटे स्वर्णजीत सिंह नोनी के तीन बच्चे हैं। जिनमें दो बेटे, रवनीत सिंह बिट्टू और गुरिकबाल सिंह और एक बेटी अपनदीप कौर शामिल हैं। 47 साल के तीन बार के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कम उम्र में राजनीति में प्रवेश किया। अपने कौशल और सक्रियता के चलते बिट्टू को राहुल गांधी ने 2008 में पंजाब यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था।

बिट्टू ने 2009 के लोकसभा चुनावों में आनंदपुर साहिब से अपना पहला चुनाव जीता। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने लुधियाना से जीत हासिल की। बिट्टू की बहन अपनदीप कौर की शादी मनसा के युवा कांग्रेस नेता बिक्रम सिंह मोफर से हुई है। मोफर के पिता अजीत इंदर सिंह मोफर सार्दुलगढ़ से तीन बार के कांग्रेस विधायक हैं।