पश्चिम बंगाल के कई जिले भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की चपेट में आने से करीब ढ़ाई लाख लोग बेघर हो गए हैं। वहीं कम से कम दर्जनभर लोगों की मौत की भी खबर है। सेना राहत और बचाव कार्य में लगी है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बचाव कार्य का खुद नेतृत्व करती दिख रही हैं।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बाढ़ का जायजा लेने के लिए पहुंचीं। घाटल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि वो केंद्र पर प्रेशर बनाने के लिए दिल्ली एक टीम को भेजेगी, ताकि परियोजना की जल्द मंजूरी मिल जाए। घाटल मास्टर प्लान के अनुसार, क्षेत्र में नदियों से गाद निकालने, नहरों की मरम्मत और शिलाबाती नदी पर बांध बनाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जानी है।
ममता बनर्जी ने कहा- “यह मानव निर्मित बाढ़ है। घाटल मास्टर प्लान के हमारे अनुरोधों पर केंद्र ध्यान नहीं दे रहा है। हमारे बार-बार अनुरोध, बहरे कानों में पड़ रहे हैं। मैंने इलाके का सर्वे कर लिया है। मैं इस पर एक रिपोर्ट तैयार करूंगी”
इसके बाद ममता बनर्जी ने झारग्राम से लौटते समय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उनका हेलीकॉप्टर मोयरापुकुर में उतरा, जहां से वह बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने गई। अधिकारियों ने बताया कि इलाके के एक सभागार में होने वाली प्रशासनिक बैठक को रद्द कर दिया गया, क्योंकि उसमें पानी भर गया था।
बता दें कि बंगाल के छह जिलों में बाढ़ की स्थिति विकराल हो रखी है। पिछले सप्ताह लगातार बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के कम से कम सात जिलों में बाढ़ आ गया और कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई। लाखों लोगों को बेघर या विस्थापित होना पड़ा है। वहीं दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) बांध द्वारा कथित तौर पर अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि गत कुछ दिनों से हो रही बारिश और डीवीसी के बांध से पानी छोड़ने से करीब तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं। वहीं, पूर्वी बर्द्धमान, पश्चिम बर्द्धमान, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं।