सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बकरीद के मौके पर केरल सरकार द्वारा दी गई छूट को “पूरी तरह से अनुचित” बताया है। अदालत ने कहा कि हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के खतरे को बढ़ा दिया है।

अदालत ने  केरल सरकार को आगाह किया कि अगर बकरीद के लिए राज्य द्वारा दी गई ढील से कोविड-19 का और प्रसार होता है तो वह राज्य सरकार को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केरल सरकार से आगामी बकरीद के त्योहार के मद्देनजर राज्य में तीन दिन के लिये कोविड पाबंदियों में छूट देने के खिलाफ दायर आवेदन पर सोमवार को ही पक्ष रखने का आदेश दिया था।

बताते चलें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को एक संवाददाता सम्मेलन में पाबंदी में रियायत की घोषणा करते हुए कहा था कि 21 जुलाई को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मद्देनजर कपड़े, जूते-चप्पलों की दुकान, आभूषण, अन्य सजावटी सामानों, घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री करने वाली दुकानें तथा आवश्यक वस्तुओं की बिक्री से जुड़ी सभी दुकानों को ए, बी और सी इलाकों में 18,19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुले रखने की इजाजत होगी।

बताते चलें कि पीठ बकरीद के त्योहार के मद्देनजर केरल सरकार द्वारा पाबंदियों में ढील देने के मुद्दे को लेकर दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।

न्यायालय ने महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले संबंधी मीडिया में आई खबरों पर पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लिया था। कांवड़ यात्रा पर न्यायालय का कड़ा रुख देते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया था।