उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में कुछ दिनों पहले ईसाई धर्म अपनाने वाले 12 दलितों का फिर से धर्मांतरण करवाने की खबर सामने आई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को क्रिसमस के मौके पर बजरंग दल के कुछ नेताओं ने हिंदू रीति-रिवाजों से इन लोगों की हिंदू धर्म में वापसी कराई है। कथित तौर पर एक यज्ञ कार्यक्रम के माध्यम से इन लोगों का शुद्धिकरण भी कराया गया।

’40 दलितों को जबरन बनाया था ईसाई’

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मैनपुरी के औछा स्थित नगला रामसिंह गांव से में तीन परिवारों के 12 लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। बजरंग दल के स्थानीय जिला संयोजक सुशील यादव का कहना है, ‘2016 में लगभग 40 दलितों को ईस्टर के दिन कुछ पादरियों ने जबरन ईसाई बना दिया था। तब से लगातार हम इन लोगों को हिंदू धर्म-संस्कृति के सकारात्मक पक्षों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद उनका मन बदला और उन्होंने हिंदू धर्म में वापसी की। हवन और शुद्धिकरण कार्यक्रम के बाद यह घर वापसी संपन्न हुई।’

भाजपा सांसद ने लिखी प्रधानमंत्री को चिट्ठी

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों में धर्मांतरण का सिलसिला काफी तेज हुआ है। हाल ही में भाजपा प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए वर्तमान संसद सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग की थी। कई धर्मगुरुओं पर भी लगातार धर्मांतरण कराने के आरोप लगते रहे हैं। भारत में कई दशकों से धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग होती रही है। संसद में यह सिलसिला 1954 से शुरू हुआ था।