सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर के विधायक आजम खान ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तानाशाही भरे अंदाज में काम करने का आरोप लगाया है। आजम खान ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार की कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन पर और उनके परिवार पर मुर्गी चोरी, बकरी चोरी, शराब की दुकान लूटने जैसे आरोप लगाए गए। आजम खान आजमगढ़ उपचुनाव में सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे।

अंतरिम जमानत मिलने पर 27 महीने बाद मई में जेल से बाहर आए आजम खान ने दावा किया कि उन्हें एडियां रगड़ने पर मजबूर किया गया ताकि वे आत्महत्या कर लें या इस सरकार के आगे घुटने टेक दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जहां अखिलेश के चचेरे भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव सपा के उम्मीदवार हैं। 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव से हारे दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को भाजपा ने फिर से उम्मीदवार बनाया है जबकि बसपा से शाह आलम उर्फ गुडडू जमाली मैदान में हैं। आजमगढ़ में 23 जून को मतदान होगा।

आजम खान ने कहा, “जेल में जो जुल्म मेरे साथ हुआ, उसे याद रखा जाएगा, हम 27 महीने तक जेल में रहे। हमें एड़ियां रगड़ने और माथा टेक देने को मजबूर किया गया, पर हमने ऐसा नहीं किया।” उन्होंने कहा, “मैं अपनी तकलीफ का जिक्र करने नहीं आया हूं, आपसे कहने आया हूं कि इस चुनाव से हुकूमत नहीं बदलेगी, लेकिन मुल्क को एहसास हो जाएगा कि हम किस तरह विश्वगुरु बनेंगे।”

सपा नेता ने कहा, “मेरा गुनाह यही कि हम मुसलमान हैं, मेरे दामन पर कोई दाग नहीं है। मैं 27 महीने की तन्हाई काटकर आया हूं, वह इसलिए कि हुक्मरानों पर कत्ल का इल्जाम न आए और हम मर जाएं।” खान ने कहा कि ”सीतापुर जेल में लोग खुदकुशी करते हैं, इसलिए हमें सीतापुर जेल में रखा गया लेकिन मैं कल भी जिंदा था, आज भी हूं और कल भी रहूंगा।” वहीं, बरेली हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भी आजम ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सूबे में हो हालात हैं, उससे अच्छी तानाशाही होती है।