स्वयंभू संत स्वामी श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर इस वक्त अपनी पत्नी को ज़िंदा दफनाने के जुर्म में मध्य प्रदेश की सागर जेल में उम्र कैद की सजा भोग रहा है। उसकी पत्नी शकीरा मैसूर राजघराने के दीवान रहे मिर्जा इस्माइल की पोती थीं। अब 83 साल की उम्र में श्रद्धानंद ने सजा को कम करने की याचिका दी है। उसका कहना है कि जेल में अच्छे व्यवहार की वजह से उसे रिहा कर दिया जाए।

श्रद्धानंद 27 साल से जेल में है। उसने राष्ट्रपति से माफी की मांग की है। पहले वह बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद था लेकिन उसकी प्रार्थना पर ही उसे सागर जेल में शिफ्ट किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वह जेल में अधिकतर समय प्रवचन देने में और लोगों को पढ़ाने में लगाता है। जेल में उसे आध्यात्मिक किताबें और अखबार भी नियमों के मुताबिक उपलब्ध करवाए जाते हैं।

600 करोड़ की संपत्ति की मालकिन थीं शकीरा
शकीरा नमाजी खलीली की श्रद्धानंद से शादी पहली नहीं थी। उन्होंने भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी अकबर खलीली को तलाक दिया था और इसके बाद श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर से शादी कर ली थी। जब श्रद्दानंद से उनकी शादी हुई तो वह 50 साल की थीं और उनकी चार बेटियां थीं। फिर भी वह एक बेटा चाहती थीं। शादी की बात उनकी बेटियों को अच्छी नहीं लगी थी। तीन बेटियों ने उनसे रिश्ता भी तोड़ लिया था।

सा 1991 में शकीरा अचानक गायब हो गईं। इसके बाद उनकी एक बेटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। तीन साल तक शकीरा का कुछ पता नहीं चला। केस बंद ही होने वाला था तभी पुलिस को क्लू मिला। बाद में पता चला कि श्रद्धानंद ने शकीरा को जहर खिलाकर मार दिया था और बेंगलुरु के महल के पीछे जिंदा गाड़ दिया था। श्रद्धानंद उसी जगह पर पार्टी भी करता था।

बाद में शव को ज़मीन से निकाला गया और 1994 में श्रद्धानंद को गिरफ्तार कर लिया गया। श्रद्धानंद ने शकीरा की प्रॉपर्टी भी अपने नाम करा ली थी। उसे ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन साल 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया।