चुनाव आयोग ने कहा है कि सोमवार (16 मई) को तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 2011 के चुनावों की तुलना में कम रहा। उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि तमिलनाडु में चुनाव शांतिपूर्ण रहा जहां 5. 82 करोड़ मतदाताओं के 69.19 प्रतिशत ने वोट डाला। उन्होंने बताया कि 2011 के विधानसभा चुनावों में ये आंकड़े 78.12 प्रतिशत थे और 2014 के लोकसभा चुनाव में 73. 85 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उन्होंने बताया कि राज्य के आठ जिलों में बारिश होने के बावजूद बड़ी तादाद में मतदाता वोट डालने पहुंचे। दिन के वक्त बाद में मौसम बेहतर हो गया। केरल में शाम छह बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 71 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। साल 2011 में यह आंकड़ा 75. 12 प्रतिशत और 2014 के लोकसभा चुनाव में यह 74. 02 प्रतिशत था। चुनाव आयोग के महानिदेशक सुदीप जैन ने बताया कि मतदान से पहले अधिकारियों ने 24 करोड़ रुपए नकद जब्त किए जो कि राज्य में एक रिकॉर्ड है। वहीं, पुडुचेरी में शाम छह बजे तक 71 प्रतिशत मतदान हुआ जो 2011 के विधानसभा चुनाव में 75. 12 प्रतिशत था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यह 74. 02 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
तमिलनाडु में शहरी के मुकाबले ग्रामीण मतदाताओं में वोट डालने को लेकर ज्यादा उत्साह दिखा। तीनों जगह कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा। केरल में कांग्रेस नीत सत्तारूढ़ यूडीएफ और माकपा नेतृत्व वाले विपक्ष एलडीएफ के बीच चुनावों में कांटे की टक्कर है जबकि भाजपा विधानसभा में खाता खोलने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। चुनाव लड़ रहे कुल 1203 उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री ओमन चांडी, विपक्षी नेता और 93 वर्षीय वी एस अच्युतानंदन, पोलितब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन, केरल कांग्रेस :मणि: के प्रमुख और पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि सहित अन्य शामिल हैं।
चांडी लगातार 11वीं बार पुतुपल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि मणि 13वीं बार पाला से चुनावी मैदान में हैं। एलडीएफ की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अच्युतानंदन और विजयन क्रमश: मलामपुझा और धरमादम से उम्मीदवार हैं।
राज्य के कुल दो करोड़ 61 लाख छह हजार 422 मतदाताओं में से एक करोड़ 35 लाख आठ हजार 693 पुरुष और एक करोड़ 25 लाख दस हजार 589 महिला है और दो लोग तीसरे लिंग से संबंधित हैं। पुलिस ने कहा कि हिंसा की छिटपुट घटनाओं के अलावा, राज्य के किसी हिस्से से किसी बड़ी घटना की खबर नहीं है।
सुरक्षा के लिहाज से केरल में 52 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। 3176 मतदान केंद्रों की पहचान ‘संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और अत्यधिक संवेदनशील’ केंद्रों के रूप में की गई है। केरल के कुछ हिस्सों में बारिश के कारण शुरुआती घंटों में मतदान धीमा रहा लेकिन दोपहर में मतदान में तेजी आई जो अंत तक 71.7 प्रतिशत तक पहुंचा।
चेन्नई से मिली खबर के अनुसार, तमिलनाडु में 232 विधानसभा सीटों के लिए हुए मतदान में 69.19 प्रतिशत मतदान हुआ। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पूरी प्रक्रिया में शहरी के मुकाबले ग्रामीण मतदाताओं में वोट डालने को लेकर ज्यादा उत्साह दिखा। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि पुडुचेरी में 81.94 प्रतिशत मतदान हुआ। चेन्नई में मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश लखोनी ने बताया, दोपहर तीन बजे के बाद मतदान में कमी आई, उसमें सुबह जैसी तेजी नहीं रही। दोपहर तीन बजे के बाद मतदान प्रतिशत में महज छह प्रतिशत के इजाफे को लेकर किए गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने उपरोक्त बात कही। दोपहर तीन बजे तक 63.70 प्रतिशत मतदान हुआ था और शाम पांच बजे तक मतदान प्रतिशत महज 69.19 प्रतिशत रहा।
हालांकि निर्वाचन आयोग ने ‘मिशन 100 प्रतिशत अभियान’ के माध्यम से मतदान प्रतिशत बढ़ाने के तमाम प्रयास किए थे। लखोनी ने बताया कि धर्मापुरी के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे पेन्नाग्राम में मतदान प्रतिशत बहुत अच्छा रहा जबकि वर्तमान आंकड़ों के अनुसार चेन्नई जिले में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा। हार्बर सीट पर करीब 53 प्रतिशत जबकि धर्मापुरी के पेन्नाग्राम में करीब 85 प्रतिशत मतदान हुआ। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।