पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में एक चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है, इसके बाद पार्टियों को प्रत्याशी चयन के लिए एक बार फिर सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। पांचों राज्यों में मिलाकर 15,20,446 वोट नोटा (नन ऑफ द अबव) यानी ‘इनमें से कोई नहीं’ के विकल्प को मिले हैं। निर्वाचन आयोग की तरफ से दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नोटा बटन का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
पांचों राज्यों में नोटा की स्थिति…
– मध्य प्रदेशः 5,42,295 यानी कुल वैध मतों का 1.4 फीसदी नोटा के पक्ष में गया। यहां नोटा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सपाक्स जैसी पार्टियों से भी आगे निकल गया है।
– राजस्थानः 4,67,781 यानी कुल वैध मतों का 1.3 फीसदी वोट मिले। यह आंकड़ा सीपीएम, भारतीय ट्राइबल पार्टी, आम आदमी पार्टी, हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक दल, घनश्याम तिवाड़ी की भारत वाहिनी पार्टी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी जैसे दलों के मतों से भी ज्यादा है।
– छत्तीसगढ़ः 2,82,744 यानी कुल वैध मतों का 2.0 फीसदी नोटा के पक्ष में गया। यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, एनसीपी और समाजवादी पार्टी जैसे बड़े दलों को नोटा से भी कम वोट मिल पाए।
– तेलंगानाः 2,24,709 यानी कुल वैध मतों का 1.1 फीसदी वोट मिले। यहां भी सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी समेत आठ दल नोटा से पीछे रहे।
– मिजोरमः 2,917 यानी कुल वैध मतों का 0.5 फीसदी नोटा के पक्ष में गया। यहां हाल ही में बनी पार्टी पीपुल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन एंड डेवलपमेंट इंप्लिमेंटेशन यानी प्रिज्म को नोटा की तुलना में कम मिले।
Election Result 2018 Highlights: Rajasthan | Telangana | Mizoram | Madhya Pradesh | Chhattisgarh Election Result 2018
पांचों राज्यों में कई सीटें ऐसी भी हैं जहां हार-जीत का अंतर बेहद कम है। ऐसे में नोटा को लेकर कई बार सवाल भी खड़े होते रहे हैं। इसके साथ ही कई बार नोटा को लेकर नियम और सख्त करने की भी मांग उठती रही है।