Assam News: असम में बाल विवाह (Assam Child Marriage) को लेकर चल रहे अभियान के तहत दो हजार से भी ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसे लेकर राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। यहां एक 27 साल की विधवा ने अपने पिता पर कार्रवाई की डर से आत्महत्या कर ली है। प्रशासन की कार्रवाई को लेकर वह डरी हुई थी और उसको चिंता थी कि उसके पिता को भी पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। वह अपने पति की मृत्यु के बाद से मायके में रह रही थी। उसके 2 बच्चे भी हैं। जब उसकी शादी हुई थी, तब वह नाबालिग थी, इसलिए उसको डर था कि प्रशासन की इस कार्रवाई में उसके पिता की भी गिरफ्तारी हो सकती है। इसी चिंता में ही उसने खुदकुशी कर ली।
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ महिलाओं का फूटा गुस्सा
वहीं, राज्य में प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर खूब विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस थानों के बाहर महिलाएं अपने परिजनों की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। कई महिलाओं का यह भी कहना है कि उनके पति या परिजनों की गिरफ्तारी के कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने ऐसी स्थिति में उनकी मदद का आश्वासन दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि बाल विवाह पर चल रही कार्रवाई को लेकर उन्हें कोई सहानुभूति नहीं है और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुधारने के लिए यह जरूरी है।
गिरफ्तार शख्स की पत्नी बोली- बच्चे की देखभाल को लेकर परेशान हूं
शनिवार को मोरीगांव में कुछ महिलाओं ने पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया है। महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ पुलिस थाने के बाहर जमकर हंगामा किया। बाल विवाह के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है, ये महिलाएं उसी की रश्तेदार हैं। प्रदर्शन में उसकी पत्नी भी शामिल था, जिसका एक तीन साल का बच्चा है। उसके पति हनीफ को शुक्रवार को देर रात गिरफ्तार किया गया था। डेढ़ साल पहले दोनों की शादी हुई थी। इस महिला की उम्र 18 साल है उसने बताया कि वह इस बात को लेकर परेशान है कि वो अपने बच्चे की देखभाल कैसे करेगी।
अब तक हुईं 2,258 गिरफ्तारियां
बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई के दो दिन बाद राज्य भर के पुलिस थानों में निचले असम के धुबरी से लेकर ऊपरी असम के माजुली तक इसी तरह के दृश्य देखने को मिल रहे हैं। शनिवार शाम 6 बजे तक इस कार्रवाई के तहत 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को धुबरी में तमरहाट पुलिस स्टेशन के बाहर भी कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसूगैस का इस्तेमाल किया। इन गिरफ्तारियों को लेकर लोग असम सरकार से बेहद नाराज हैं।
मुख्यमंत्री बोले- भविष्य के लिए ये जरूरी
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इनके साथ शून्य सहानुभूति जताई है। उन्होंने कहा, “इन मामलों में शून्य सहानुभूति है। एक छोटी लड़की की शादी हो होना… मुझे् इसे रेप कहना पड़ेगा… क्या हमने उस लड़की के दर्द के बारे में सोचा है? भविष्य में लाखों लड़कियों को इस स्थिति से बचाने का खामियाजा एक पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। यहां सहानुभूति का सवाल ही नहीं है… असम में बाल विवाह बंद होना चाहिए और इसके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। मैंने जिलाधिकारियों से कहा है कि अगर किसी को आर्थिक परेशानी है क्योंकि उनके पति जेल में हैं, तो सरकार इस पर गौर कर सकती है।” उन्होंने कहा कि यह अभियान 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा।
