TMC leader Anubrata Mondal Case: पश्चिम बंगाल आसनसोल के स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज राजेश चक्रवर्ती ने मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को दावा किया है कि उनको एक धमकी भरा पत्र मिला है। पत्र में पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि अगर अनुब्रत मंडल की रिहाई सुनिश्चित नहीं की गई तो जज के परिवार के सदस्यों के खिलाफ एनडीपीएस मामले के झूठे केस में फंसाया जाएगा।
न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें एक बप्पा चटर्जी के एक पत्र के माध्यम से धमकी मिली, जिसमें कहा गया था कि अगर मंडल को जमानत पर रिहा नहीं किया गया तो उनके परिवार को एनडीपीएस मामले में गंभीर आरोपों में फंसाया जाएगा।
न्यायाधीश ने अपनी शिकायत में चटर्जी से प्राप्त पत्र को भी संलग्न किया और पश्चिम बर्धमान में जिला न्यायाधीश से मामले पर ध्यान देने का अनुरोध किया। उन्होंने अनुरोध किया कि इस मामले को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उठाया जाए।
सीबीआई ने रविवार को अनुब्रत मंडल के करीबी के आवास पर मारा था छापा
पशु तस्करी के एक मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने 11 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसके बाद अनुब्रत को आसनसोल की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने उसको 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया था। वहीं रविवार को सीबीआई ने अनुब्रत मंडल के करीबी बिदुयत बरन के आवास पर छापा मारा था। बिदुयत बरन, अनुब्रत की बेटी सुकन्या मंडल के स्वामित्व वाली कंपनियों का जॉइंट डायरेक्टर है। सीबीआई को पता चला है कि अनुब्रत ने अपनी बेटी सुकन्या के जरिए कई कंपनियों में निवेश किया है।
जानें पूरा मामला-
बता दें कि पश्चिम बंगाल के पशु तस्करी केस मामले में सीबीआई ने 11 अगस्त को बीरभूम टीएमसी के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने 21 सितंबर, 2020 को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक पूर्व कमांडेंट को भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध मवेशी तस्करी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान अनुब्रत मंडल का नाम जांच के दायरे में आया।