प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेक प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट करके यह बात कही है। उन्होंने कहा कि पूरी घटना की कड़ाई से जांच-पड़ताल करके सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए।

साबरमती जेल से प्रयागराज आते समय अतीक ने खुद की हत्या की भी जताई थी आशंका

माफिया अतीक अहमद काफी समय से गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। इस बीच हाल ही में प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में उसका और उसके बेटों का हाथ होने के आरोपों के सिलसिले में उसे दो बार साबरमती से प्रयागराज की अदालत में पेश होने के लिए लाया गया था। इस दौरान अतीक अहमद ने खुद आशंका जताई थी कि उसकी हत्या कराई जा सकती है। उस वक्त कई सियासी नेताओं ने भी कही थी कि कानपुर के बिकरू हत्याकांड का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की तरह ही उसका भी एनकाउंटर पुलिस कर देगी।।

गैंगस्टर विकास दुबे का पुलिस ने 10 जुलाई 2020 को एनकाउंटर कर दिया था

गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया था। शुक्रवार 10 जुलाई 2020 को उसे उज्जैन से कानपुर लाते समय रास्ते में कथित तौर पर पुलिस की जिस गाड़ी में वह बैठा था वह पलट गई थी। इस दौरान आरोप है कि वह भागने लगा तो पुलिस ने उसे गोली मार दी। एनकाउंटर कानपुर से महज 17 किलोमीटर दूर भौती नाम की जगह पर हुआ।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गुरुवार को झांसी के निकट अतीक अहमद के बड़े बेटे मोहम्मद असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत से लोगों की यह आशंका सच साबित हो रही है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ऐसी आशंका जताई है। उन्होंने भी ट्वीट करके कहा, “झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है।”