उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है। भाजपा और समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनावों में सीधी टक्कर पेश कर अपनी तैयारियों को परखा है। हालांकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को लेकर अभी भी मतदाता संशय में हैं। इस बीच पार्टी सुप्रीमो मायावती ने चुनाव अभियान शुरू करने का ऐलान कर दिया है। अपने वोट बैंक के दायरे को बढ़ाने के लिए मायावती इस बार 23 से 29 जुलाई तक ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही हैं।

बताया गया है कि इस सम्मेलन के जरिए ही बसपा अपना चुनाव कैंपेन लॉन्च करेगी। इस सम्मेलन के लिए मायावती के राइट हैंड कहे जाने वाले सतीश चंद्र मिश्रा को अहम जिम्मेदारी दी गई है। बताया गया है कि बसपा 2007 के जीत के फॉर्मूले को ही दोहराना चाहती है। इसी शुक्रवार को मायावती से मिलने के लिए ब्राह्मण समाज के 200 बड़े नेता और कार्यकर्ता बुलाए गए थे। बताया गया है कि इस ब्राह्मण सम्मेलन की तैयारियों के लिए सतीश चंद्र मिश्रा जल्द ही अयोध्या पहुंचेंगे और मंदिर दर्शन के साथ अभियान की तैयारी शुरू कर देंगे। उन्हें सभी जिलों में चरणवार तरीके से ब्राह्मण सम्मेलन कर वोट बैंक साधने की जिम्मेदरी दी गई है।

ब्राह्मण समाज को साधने में सतीश चंद्र मिश्रा के अनुभव को इसी बात से समझा सकता है कि 2007 और 2012 में मायावती ने उन्हें ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण समाज को साधने की जिम्मेदारी दी थी। दरअसल, पार्टी का एससी-एसटी और ओबीसी वोट बैंक पहले से ही मायावती के साथ रहा है। हालांकि, राज्य में सरकार बनाने में एक भूमिका ब्राह्मण वोट बैंक भी निभाता है, जिसे जुटाकर मायावती अगले चुनाव में जीत हासिल करने की कोशिश में हैं।

क्या था मायावती का 2007 का फॉर्मूला?: मायावती ने 2007 में यूपी के चुनाव में 403 में से 206 सीटें जीतकर और 30 फीसदी वोट के साथ सत्ता हासिल करके देश की सियासत में तहलका मचा दिया था। बसपा 2007 का प्रदर्शन कोई अचानक से नहीं आया था, बल्कि उसके पीछे सोची-समझी रणनीति थी। उम्मीदवारों की घोषणा चुनाव से लगभग एक साल पहले ही कर दी गई थी। इसके अलावा ओबीसी, दलितों, ब्राह्मणों, और मुसलमानों के साथ एक तालमेल बनाया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलीं मायावती- ब्राह्मण समाज भाजपा से परेशान: मायावती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने संसद के मानसून सत्र के लिए विपक्ष के एकजुट होने की अपील की। मायावती ने कहा कि इस देश की जनता महंगाई से परेशान है और सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस जैसी अहम जरूरतों के दाम बढ़ाती जा रही है। इसलिए विपक्ष को सरकार को घेरना जारी रखना होगा। मायावती ने यूपी की योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और साथ ही कहा कि उच्च जातियां भी भाजपा से त्रस्त हैं। मायावती ने कहा कि ब्राह्मण समाज इस भाजपा सरकार से सबसे ज्यादा दुखी है।

मायावती ने कहा कि ब्राह्मण समाज भाजपा के बहकावे में आकर पिछली बार बढ़-चढ़कर वोट दे आए। लेकिन मुझे भरोसा है कि अब यह ब्राह्मण समाज आगे भाजपा को वोट देकर वह गलती नहीं करेगा। अब यह समाज पछता रहा है। लेकिन भाजपा यह वोट बैंक हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे आजमाएगा। इसलिए ब्राह्मण समाज को जागरुक करने के लिए बसपा इस महीने 23 जुलाई से सम्मेलन करने जा रही है।