पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की गुरुवार (26 जनवरी, 2023) को जेल से रिहाई नहीं होगी। रिहा होने वाले कैदियों की फाइल आगे नहीं बढ़ाई गई, जिस कारण उनकी रिहाई रुक गई है। अब इसे लेकर सिद्धू खेमे के नेता प्रदर्शन की तैयारी में हैं। दरअसल, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने रिहा किए जाने वाले हर कैदी की अलग-अलग फाइल कैबिनेट से मंजूर करवाकर भेजने के लिए कहा था, लेकिन प्रत्येक कैदी की अलग-अलग फाइल नहीं भेजी गई। राज्यपाल जानना चाहते थे कि किसको किस केस में कितनी सजा मिली है और जेल में उसका व्यवहार कैसा है।

तीन दशक पुराने मामले में सजा काट रहे सिद्धू

मई 1988 में रोड रेज मामले में सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से सिद्धू पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 37 अन्य कैदियों को रिहा किया जाना था, जिनमें सिद्धू भी शामिल है। हालांकि, राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर फाइल को आगे नहीं बढ़ाया।

सरकार के सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या तक भी फाइल आगे नहीं बढ़ी थी। हालांकि, सिद्धू खेमे ने कांग्रेस नेताओं को गुरुवार सुबह 11 बजे जेल के बाहर इक्ट्ठा होने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि आधी रात तक फाइल आगे बढ़ जाएगी। इसलिए हमने सिद्धू की एक्सरसाइज साइकिल को जेल से उनके घर में शिफ्ट कर दिया है। यह मशीन पीजीआईएमईआर के डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई थी और सिद्धू को जेल में प्रदान की गई थी। वह अपनी रिहाई की तैयारी कर रहे हैं इसलिए हमने उनकी साइकिल को उनके घर में स्थानांतरित कर दिया है।”

जेल में अच्छे आचरण के चलते की गई रिहा करने की सिफारिश

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू अब तक 7 महीने की सजा काट चुके हैं। नियमों के मुताबिक, राहत के लिए सभी चीजें सिद्धू के पक्ष में हैं। पहले ही जेल प्रशासन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अच्छे आचरण के चलते कई कैदियों को रिहा करने की सिफारिश पंजाब सरकार को भेजी थी, जिसमें सिद्धू का भी नाम शामिल था।

जेल में सिद्धू का व्यवहार अच्छा पाया गया था। वे जेल में क्लर्क के तौर पर काम कर रहे थे। उन्होंने नियम होने के बावजूद भी कोई छुट्टी तक नहीं ली थी। हालांकि, जेल कि सिफारिश के बाद भी इस पर आखिरी फैसला पंजाब सरकार को ही करना था।