उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार (28 सितंबर) की रात एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोमती नगर इलाके में हुई इस हत्या का आरोप यूपी पुलिस के दो सिपाहियों पर लगा है। दोनों ही सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद पूरे देश में सियासत तेज हो गई है। एक ओर जहां राज्य में उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार पर निशाना साधा है, वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं। अपनी आंखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का कत्ल करना पड़े तो यह दो मिनट भी नहीं सोचेंगे।”

इस हत्याकांड पर सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि, “भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई फर्जी एनकाउंटर हुए हैं। उनसे किसी तरह की अपेक्षा नहीं की जा सकती। विवेक तिवारी की हत्या एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसी घटनाओं की हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी के कर्मचारी के साथ इस तरह की घटना से प्रदेश में निवेश की नकारात्मक स्थिति बन सकती है। यूपी सरकार को तत्काल मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और उनके परिवार की सहायता के लिए पांच करोड़ की आर्थिक मदद की घोषणा करनी चाहिए।”

वहीं, कांग्रेस नेता राज बब्बर ने भी यूपी सरकार और सीएम योगी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए। लखनऊ में एक आम शहरी का एनकाउंटर कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है। देश के गृहमंत्री के चुनाव क्षेत्र में भी आम आदमी सुरक्षित नहीं। प्रवचनकर्ता प्रधानमंत्री विवेक तिवारी के परिवार को क्या जवाब देंगे? योगीजी मुख्यमंत्री भी हैं और राज्य के गृहमंत्री भी। लेकिन निर्दोष विवेक तिवारी के परिजनों के लिए उन्होंने अपनी यात्राएं रद्द नहीं कीं। हृदयहीनता के अपने चरम पर है योगी-मोदी राज। विवेक को न्याय दिलाना अब सबसे अहम कार्य है।”