दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित अनियमितताओं पर कई दिनों से चल रहा आरोप-प्रत्यारोप सोमवार को राजनीतिक मंचों से उठकर अदालत में पहुंच गया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ डीडीसीए विवाद में उन पर आरोप लगाए जाने को लेकर आपराधिक मानहानि की शिकायत दाखिल की। केजरीवाल के अलावा जेटली ने जिन आप नेताओं को आरोपित किया है उनमें कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी शामिल हैं।
अदालत ने उनकी इस शिकायत का संज्ञान ले लिया है। मामले को रिकार्ड पर लाते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल ने कहा – मौजूदा शिकायत निजी स्तर पर दाखिल की गई है। पांच जनवरी को शिकायतकर्ता के सबूतों के लिए बुलाया जाए। अरुण जेटली का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी के आरोपी नेताओं ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं के संबंध में वित्त मंत्री के खिलाफ पूरी तरह बेबुनियाद और मानहानि करने वाले आरोप लगाए हैं। वकील ने कहा कि जेटली ने डीडीसीए से एक पाई तक नहीं ली। उनके और उनके परिवार के खिलाफ पूरी तरह बेबुनियाद और मानहानिजनक आरोप लगाए हैं।
अदालत में 35 मिनट की सुनवाई के दौरान जेटली व भाजपा के अन्य शीर्ष नेता मौजूद थे। इनमें केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल थे। लूथरा ने अदालत को बताया कि इन नेताओं ने न केवल प्रेस कांफ्रेंस में बल्कि ट्विटर एकाउंटों पर भी जेटली के खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियां कीं। शिकायत भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि), 500 (मानहानि के लिए सजा), 501 (मानहानिजनक सामग्री का प्रकाशन), 502 (प्रकाशित मानहानिजनक सामग्री की बिक्री), 34 (साझा मंशा) और 35 (ऐसी गतिविधि को आपराधिक जानकारी या मंशा के साथ आपराधिक कारण से अंजाम देना) के तहत कथित अपराध दर्ज किए गए हैं।
सुनवाई के दौरान लूथरा ने कहा कि इन नेताओं ने ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ जेटली के कथित संबंध को लेकर झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि न तो जेटली और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य के ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से कोई संबंध हैं। रजिस्ट्रार आफ कंपनीज के रिकार्ड को मंगाकर देखा जा सकता है। वकील ने दावा किया कि इन नेताओं ने जानबूझकर और गलत मंशा से जेटली के संबंध में झूठे आरोप लगाए जिसका मकसद यह आभास पैदा करना था कि पैसा कमाया गया। वकील ने कहा कि इन मानहानिहारक बयानों से जेटली की प्रतिष्ठा को आघात लगा है। उन्हें अपूर्णीय क्षति हुई है।
उन्होंने इन आप नेताओं के ट्वीट पढ़ते हुए कहा कि जेटली ने डीडीसीए से कोई बेजा फायदा नहीं उठाया। डीडीसीए के रिकार्ड को मंगाकर देखा जा सकता है। आप नेताओं के ये बयान राजनीति से प्रेरित हैं। इस पर मजिस्ट्रेट ने सवाल किया कि क्या आपने डीडीसीए का कोई रिकार्ड पेश किया है। अदालत के सवाल के जवाब में लूथरा ने कहा, नहीं। वे (जेटली) 2013 से डीडीसीए के पदाधिकारी नहीं हैं। हम जरूरी रिकार्ड मंगवा सकते हैं। मामले की सुनवाई के अंतिम चरण में वरिष्ठ वकील ने अदालत से इसके बाद जेटली का बयान दर्ज किए जाने की अपील की। लेकिन अदालत ने कहा कि अभी यह संभव नहीं होगा। अदालत ने शिकायतकर्ता के सबूत दर्ज करने के लिए पांच जनवरी की तारीख तय कर दी।
जेटली ने यह कदम दरअसल केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं की ओर से बोले गए हमलों की पृष्ठभूमि में उठाया है। केजरीवाल और आप के नेताओं ने दिल्ली की क्रिकेट संस्था दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित घपलों को लेकर ये हमले बोले थे। जेटली 2013 तक लगभग 13 साल के लिए इस संस्था के अध्यक्ष रहे हैं।