हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से मंत्री का ‘टैग’ हटाकर समूची सरकार व भाजपा को सकते में डाल दिया है। इससे पहले उन्होंने अंबाला छावनी में कुछ लोगों पर समानांतर भाजपा चलाने का आरोप लगाया था। बुधवार को उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने परिचय से ‘मंत्री’ शब्द हटा दिया। इस घटनाक्रम के बाद हरियाणा में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। गुरुवार की दोपहर अनिल विज ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि कोई पद की वजह से मेरे साथ जुड़े। अगर कोई मेरा ‘फालोअर्स’ बनना चाहता है तो अनिल विज की वजह से बने।
विज ने सरकार से किसी तरह की नाराजगी से भी इनकार किया। कुछ दिन पहले अंबाला छावनी में भाजपा का समांतर सगंठन चलाने वालों के बारे में उन्होंने फिर कोई जवाब नहीं दिया। विज के इस कदम से संकेत मिल रहे हैं कि अब वे पद के बजाय व्यक्तिगत तौर पर खुद को अंबाला छावनी में मजबूत रखने की कोशिश कर रहे हैं। अनिल विज किसी टैग (मंत्री आदि) का मोहताज नहीं है।
विज को जारी हो चुका है कारण बताओं नोटिस
विज के पास हरियाणा सरकार में ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभागों का प्रभार है। ताजा घटनाक्रम पर विज ने कहा कि मैं जो सामग्री पोस्ट करता हूं और उसे देखने वालों की संख्या इसी पर आधारित होनी चाहिए, न कि इस बात पर कि मैं मंत्री हूं। इसीलिए मैंने पद हटाए हैं, इसका कोई और मतलब नहीं है। मैं चाहता हूं कि जो भी मुझसे जुड़ना चाहता है, वह विज के कारण जुड़े। मैं तब से ‘एक्स’ चला रहा हूं, जब से मेरे पास कोई पद नहीं था। मैं इसे बिना पद के नाम से चलाना चाहता हूं।
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11 सितंबर को आशीष तायल उद्योगपतियों के साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले थे, जिसके बाद विज ने 12 सितंबर को ‘एक्स’ पर लिखा था कि अंबाला छावनी में कुछ लोग समानांतर भाजपा चला रहे हैं, जिन्हें ऊपर वालों का आशीर्वाद भी प्राप्त है। टिप्पणी में लिखें कि हम क्या करें। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अनिल विज को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर चुके हैं।