Haryana News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा राज्य को एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अंबाला में पुलिस अधिकारियों पर दहेज उत्पीड़न के एक मामले में जांच रिपोर्ट बदलने और एक महिला के ससुराल वालों को झूठा फंसाने के लिए दबाव डाला।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने शेखर गर्ग और अन्य की ओर से अधिवक्ता निखिल घई द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अंबाला महिला पुलिस थाने की एसएचओ सुनीता ढाका ने शुरू में केवल पति अनुराग गर्ग और उसके बड़े भाई का नाम एफआईआर में दर्ज करने की सिफारिश की थी। हालांकि, अंबाला पुलिस अधीक्षक के दबाव में विज के “इशारे” पर, सास-ससुर को भी आरोपी के रूप में शामिल कर लिया गया।
यह विवाद 30 मई, 2025 को पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से उपजा है, जिसमें उसने अपने पति और उसके परिवार पर दहेज की मांग और क्रूरता का आरोप लगाया था। इस जोड़े की शादी नवंबर 2022 में हुई थी और वे बेंगलुरु में रहकर काम कर रहे थे। याचिका में कहा गया है कि शिकायतकर्ता अपने पति के साथ बेंगलुरु में रहती थी, जबकि उसके सास-ससुर मानसा में अलग रहते थे और उसका एक अन्य देवर मोहाली में तैनात था, जिससे उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार साबित होते हैं।
याचिका के अनुसार, ढाका की 19 अगस्त, 2025 की मूल जाँच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया था कि शिकायतकर्ता के ससुर राजकुमार गर्ग और सास पुष्पा गर्ग के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। लेकिन बाद में याचिकाकर्ता शेखर गर्ग के साथ हुई फ़ोन कॉल में, एसएचओ ने कथित तौर पर दावा किया कि उन पर दबाव डाला जा रहा था।
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याचिका में उद्धृत ऑडियो रिकॉर्डिंग में ढाका को यह कहते हुए सुना गया कि विज “बार-बार फोन कर रहे थे” और उन्हें और एसपी को “निष्कर्ष बदलने” और परिवार के सभी चार सदस्यों को एफआईआर में जोड़ने के लिए कह रहे थे।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि मंत्री का कथित हस्तक्षेप शिकायतकर्ता के परिवार के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के कारण हुआ। परिवार ने हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगों तथा डीजीपी के समक्ष भी इस मामले को उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित साहनी ने नोटिस स्वीकार कर लिया और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए मनराज ग्रेवाल शर्मा)