अमृतसर नगर निगम चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दलों में कलह मचा हुआ है। टिकट के लिए कैंडीडेट्स के बीच मचे असंतोष के चलते एक कार्यकर्ता ने तो अपने कुत्ते को ही नॉमिनेट कर दिया। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने टिकट न मिलने के बाद अपने कुत्ते का नामांकन दाखिल किया।

नगर निगम चुनाव से पहले पक्षपात, वित्तीय मांग और वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोपों के कारण भाजपा, आप और कांग्रेस में उथल-पुथल मची हुई है। ऐसे में अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने टिकट न मिलने के बाद अपने कुत्ते जिमी को नामांकित किया।

20 साल से कांग्रेस से जुड़ी महक राजपूत अपने कुत्ते के साथ वार्ड नंबर 38 के लिए नामांकन दाखिल करने अमृतसर के एसडीएम-1 कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने दावा किया कि उनकी वफादारी और योगदान को दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में नजरअंदाज कर दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “अगर मेरे कुत्ते का नामांकन स्वीकार नहीं किया जाता है तो मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगी।” उन्होंने जिमी के नामांकन को अपनी हताशा का प्रतीक बताया और वार्ड के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में उसकी वफादारी पर जोर दिया।

BJP में आंतरिक कलह

वहीं, दूसरी ओर भाजपा के राज्य महासचिव और पूर्व आईएएस अधिकारी जगमोहन सिंह ने फेसबुक पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए पार्टी की उम्मीदवार सूची में मनमाने ढंग से बदलाव का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “मेरा दिल दुख रहा है। एक जीती हुई सीट इसलिए हार गया क्योंकि स्वीकृत टिकट को अनधिकृत रूप से रोक दिया गया था।” उन्होंने इसके लिए भाजपा जिला अध्यक्ष हरविंदर सिंह संधू को दोषी ठहराया। जगमोहन ने उन उम्मीदवारों से माफ़ी मांगी जिन्होंने उनकी मदद मांगी थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया।

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विवाद तब और बढ़ गया जब वार्ड नंबर 33 से हरजिंदर सिंह राजा ने कथित तौर पर अपना टिकट वापस कर दिया और आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ नेता ने उनसे 10 लाख रुपये मांगे। वायरल सोशल मीडिया चैट में भी एक वरिष्ठ नेता के आरोपों का जिक्र किया गया। 11 साल से भाजपा कार्यकर्ता विजय सिंह हीरा ने पार्टी पर बाहरी व्यक्ति के पक्ष में उन्हें दरकिनार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैं इन चुनावों की तैयारी के लिए दो साल पहले अमृतसर चला गया था, लेकिन टिकट किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया गया जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुआ है।”

AAP कार्यकर्ताओं ने लगाया टिकट बिक्री का आरोप

आम आदमी पार्टी में भी इसी तरह के आरोप लगे जहां कार्यकर्ताओं ने भंडारी ब्रिज के पास पार्टी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। “कार्यकर्ता एकता जिंदाबाद” जैसे नारे लगाते हुए उन्होंने नेतृत्व पर बाहरी लोगों को टिकट बेचने का आरोप लगाया।

आप के एससी विंग के राज्य सचिव रोहित कुमार ने दावा किया कि टिकट 25 लाख रुपये में बेचे गए, यहां तक ​​कि संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोगों को भी। उन्होंने आरोप लगाया कि वार्ड नंबर 85 का टिकट मौजूदा मंत्रियों से जुड़े एक पूर्व कांग्रेस सदस्य को दिया गया, जबकि वह पार्टी के लिए कई सालों से काम कर रहे हैं। 2019 में आप में शामिल हुए कुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टी के प्रचार के लिए काफी समय और संसाधन समर्पित किए थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। पढ़ें- ‘एक देश, एक चुनाव’ के खिलाफ 5 राज्यों के मुख्यमंत्री लामबंद, मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल