महाराष्ट्र में जैसे-जैसे सियासी गतिविधियां बदल रही हैं, राजनेताओं की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। सभी दलों की निगाहें इस समय महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर टिकी हैं। इस बीच अटकलों का दौर भी तेज हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार से जब मीडिया ने इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने का यह तीसरा प्रयास किया जा रहा है, लेकिन विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्थिति को संभालने में सक्षम होंगे।
सरकार गिरने की नौबत आने पर भाजपा के साथ जाने की संभावना पर एनसीपी चीफ ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना का समर्थन करेगी क्योंकि यह महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना के शीर्ष नेता एकनाथ शिंदे की सरकार गिराने की कोशिशों का मजबूती से मुकाबला कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने इसे शिवसेना का “आंतरिक मामला” करार दिया और कहा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार इस राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में सक्षम होगी। पवार ने कहा, “स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि हम कोई समाधान निकाल लेंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जैसा कि उन्होंने मांग की है, पवार ने कहा: “तीनों दलों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) के बीच एक अच्छी समझदारी है। शिवसेना के पास सीएम की जिम्मेदारी है और शिवसेना नेतृत्व फैसला करेगा। लेकिन, नेतृत्व में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है और हमें उद्धव जी के नेतृत्व पर भरोसा है।
पवार ने सोमवार को हुए विधान परिषद चुनावों में एमवीए गठबंधन के एक प्रत्याशी के हार जाने पर भी खेद जताया और कहा, “हम अपने सहयोगियों के साथ बात करेंगे कि हमारा एक उम्मीदवार क्यों हार गया।” उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच कोई अंतर नहीं है और इस तरह के चुनावों में कुछ क्रॉस वोटिंग होती है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “गठबंधन में कोई मतभेद नहीं हैं और सभी को ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।” कहा कि वह सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। राकांपा प्रमुख ने कहा कि कुछ विधायकों के साथ बागी रुख अपना रहे एकनाथ शिंदे ने उन्हें अपनी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के बारे में कभी नहीं बताया।