उत्तर प्रदेश के बागपत में प्रशासन ने किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं से 2 लाख रुपए तक के निजी बॉन्ड भरने की मांग रख दी है। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून उल्लंघन को रोकने के लिए यह नोटिस जारी किए गए हैं। जिन लोगों को यह नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पूर्व विधायक वीरपाल सिंह राठी भी शामिल हैं। राठी ने बताया कि 31 जनवरी को बरौत तहसील में महापंचायत से ठीक पहले जिला प्रशासन ने उन्हें और छह अन्य लोगों को यह नोटिस दिए।
बता दें कि हाल ही में यूपी के ही सीतापुर में भी जिला प्रशासन ने ऐसा ही कदम उठाया था। तब डीएम के निर्देश पर किसी भी तरह के कानून उल्लंघन को रोकने के लिए ट्रैक्टर रखने वाले किसानों से 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के निजी बॉन्ड भरने की मांग रख दी थी। इस मामले में पीआईएल दायर हुई थी, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन से पूछा था कि आखिर किन परिस्थितियों की वजह से निजी बॉन्ड की इतनी बड़ी रकम मांगी। बाद में योगी सरकार ने कोर्ट को बताया था कि उसने 162 किसानों को जारी यह नोटिस रोक दिए हैं।
बागपत में किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं को नोटिस जारी होने पर रालोद के पूर्व विधायक बोले- “मुझे 30 जनवरी को नोटिस मिला और पता चला कि जिले में 200 किसानों को ऐसे ही बॉन्ड भरने के नोटिस दिए गए हैं। इन नोटिस को जारी कर के प्रशासन हमें किसानों का समर्थन करने से रोकना चाहता है।” इस मामले में बागपत के डीएम राजकमल यादव ने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। नोटिस पर साइन करने वाले एसडीएम दुर्गेश मिश्रा ने तो इस पर टिप्पणी करने से ही मना कर दिया।
क्या है नोटिस में?: एडीएम अमित कुमार ने कहा, “नोटिस सीआरपी की धारा 107/116 के तहत जारी किए गए हैं। इन्हें राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किया गया है। यह किसी भी तरह से किसान आंदोलन से नहीं जुड़ा है। नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अभी भी जारी है। हमने अब तक 700 लोगों को नोटिस जारी किया है।”
अफसरों का कहना है कि प्रशासन ने पुलिस की ओर से दायर की गई रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किए हैं। बरौत के स्टेशन ऑफिसर अजय कुमार शर्मा ने कहा, “हमने ही प्रशासन से वीरपाल सिंह राठी समेत छह लोगों को नोटिस भेजने के लिए कहा था। हमें शक है कि वे कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपने भाषण के जरिए भड़का सकते हैं। हमें डर है कि उनके भड़काने की वजह से प्रदर्शन हिंसक भी हो सकते हैं।”
बॉन्ड के साथ जमानत भरने का निर्देश: वीरपाल सिंह को जो नोटिस जारी किया गया है उसमें उनसे एक साल तक शांति बनाए रखने के लिए दो लाख का बॉन्ड भरने और दो जमानत भरने के लिए कहा गया है। हालांकि, रालोद नेता ने कहा कि वे अभी प्रशासन के सामने पेश नहीं हुए हैं और किसान आंदोलन के खिलाफ उनका शांत प्रदर्शन जारी रहेगा। बता दें कि वीरपाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने भी लाल किले पर हुई हिंसा से जुड़े मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है।
बागपत की देश खाप पंचायत के सदस्य संजीव चौधरी ने कहा, “प्रशासन ने किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे करीब 200 किसानों को नोटिस जारी किया है। गरीब किसानों को 50 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक के बॉन्ड और जमानत भरने के नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे प्रदर्शनों में शामिल न हों।”