अर्णव चंद्रशेखर

Aligarh RTI activist dies : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले (Aligarh District ) के एक आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) की मौत के दो दिन बाद उसके परिवार ने मंगलवार को हत्या की आशंका जताई है। परिजनों का कहना है कि ग्राम प्रधान के घटिया काम और कथित भ्रष्टाचार पर आरटीआई आवेदन दायर करने पर ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों की ओर से उन पर हमला किया गया था। देवजीत सिंह की पत्नी निशा ने कहा कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक की गई थी, लेकिन कार्रवाई से पहले ही उनकी मौत हो गई।

आरटीआई कार्यकर्ता और 32 साल के किसान देवजीत सिंह के चचेरे भाई सुनील सिंह ने कहा कि रविवार शाम को मौत हो गई। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक और जिंदगी खत्म हो गई। उन्होंने ग्राम प्रधान ( Gram Pradhan)) पर आरोप लगाया कि उनके सहयोगी “लंबे समय से अपराधिक कार्रवाइयों में और लोगों को परेशान करने में शामिल रहे हैं”, लेकिन यह पहली बार था जब उन्होंने इस तरह का हिंसक रूप ले लिया।

चश्मदीदों ने बताई Attack की पूरी कहानी

RTI Activist Murder: परिवार की शिकायत के मुताबिक देवजीत सिंह अपने खेत पर छोटे भाई सुरेंद्र के साथ काम कर रहे थे। तभी शाम करीब 6 बजे ग्राम प्रधान देवेंद्र और उनके बेटे सहित आठ लोगों ने हमला कर दिया। लोगों ने हमलावरों (Attackers) को आते और जाते दोनों ही समय देखने का दावा किया है। परिवार ने कहा, “मैंने हमलावरों को अपने दोपहिया वाहनों पर निकलते देखा। उन्होंने मेरे बेटों पर लाठियों और दूसरे हथियारों से हमला किया … देवजीत तब तक जीवित रहा जब तक कि वह एक कांस्टेबल को नहीं बता पाया कि क्या हुआ था और फिर उसकी मौत हो गई। सुरेंद्र अभी भी अस्पताल में है। उसका हाथ टूट गया है और पसली में चोटें आई हैं।

एक आरोपी गिरफ्तार, बाकी आठ अब तक फरार

मृतक देवजीत सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी निशा, दो साल की बेटी और तीन साल का बेटा मुश्किलों से घिर गए हैं। सुरेंद्र अभी अस्पताल में है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आठ आरोपियों में से एक हरवीर को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी सारे आरोपी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने उन पर दंगा, आपराधिक धमकी, गंभीर चोट, हत्या, हत्या के प्रयास और कई आरोपों के लिए संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।

RTI के जवाब में थे फर्जी हस्ताक्षर

अलीगढ़ के अमरपुर दहाना गांव में मंगलवार को देवजीत के फोटो के पास शोक में डूबे परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों ने इंडियन एक्सप्रेस के सामने दावा किया कि देवजीत ने सरकारी जमीन को कथित रूप से हड़पने को लेकर अपना हालिया आरटीआई आवेदन ( RTI Application) दायर किया था। देवजीत के चचेरे भाई सुनील ने आरोप लगाया, ”यह भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा है। मैं एक ग्राम सभा सहायक हूं, और आखिरी आरटीआई के जवाब में मेरे हस्ताक्षर जाली थे।”

CMO और पुलिस मुख्यालय तक की गई शिकायत

सुनील ने कहा कि देवजीत ने पहले मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ में पुलिस मुख्यालय, अलीगढ़ के एसपी और जिला मजिस्ट्रेट को शिकायत पत्र भेजे थे। इसमें उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मौखिक दुर्व्यवहार का जिक्र किया गया था। इसके अलावा प्रधान और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की गंभीर धमकी भी दी थी। रिश्तेदारों ने बीएससी ग्रेजुएट देवजीत सिंह को एक बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में याद किया।

पुलिस अफसरों के भरोसे के बाद हुआ अंतिम संस्कार

परिजनों और कई ग्रामीणों ने देवजीत की मौत के बाद शुरू में सार्वजनिक तौर विरोध किया था। सुनील ने कहा, “स्थानीय डीएसपी और इंस्पेक्टर ने हमें भरोसा दिलाया था कि 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी और वे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए सभी प्रयास करेंगे। इसके बाद परिवार ने देवजीत का अंतिम संस्कार किया।

गांव में Internet Cafe चलाते थे देवजीत सिंह

सुनील ने बताया कि पहले देवजीत आगरा में एक निजी फर्म में काम करता था और शादी के बाद गांव लौट आया था। वह गांव में एक छोटा सा इंटरनेट कैफे चलाता था। उनके जैसे व्यक्ति के अलावा और कौन इन मुद्दों पर आरटीआई आवेदन दायर कर सकता था?” वहीं देवजीत के एक चाचा डीपी सिंह ने कहा, “हम जो कुछ भी कर सकेंगे, वह करेंगे, भले ही हमें न्याय मांगने के लिए लखनऊ या दिल्ली जाना पड़े।”