खस्ताहाल कानून-व्यवस्था पर बीते चार साल से लगातार घिरते आ रहे अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों के डीएम और एसएसपी बदलने का फैसला किया है। किस जिले में कितना अपराध हुआ, इसका ब्योरा सामने रख कर मुख्यमंत्री खुद उन जिलों के डीएम व एसएसपी हटाने जा रहे हैं। लालबहादुर शास्त्री भवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में बेहद गोपनीय तरीके से ऐसे अफसरों की तबादला सूची तैयार की जा रही है।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि खुद मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी जिलों के एसएसपी व आला पुलिस अधिकारियों को लखनऊ बुला कर कई बार उन्हें चेतावनी दे चुके हैं। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी थी। लेकिन प्रदेश में लगातार हो रही आपराधिक वारदातों ने सरकार के विकास एजंडे की राह रोक रखी है। हाल ही में आगरा में हुए एनआरआइ सम्मेलन के बाद वरिष्ठ अधिकारियों से हुए विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री को दो-टूक बताया गया कि प्रदेश में उम्मीद के मुताबिक निवेश न आने की सबसे बड़ी वजह खस्ताहाल कानून व्यवस्था है। सूत्रों का कहना है कि तीन साल से लगातार प्रदेश में पूंजी निवेश की कोशिशों में जुटे अखिलेश यादव ने आगरा में एनआरआइ सम्मेलन के बाद उन जिलों के पुलिस कप्तानों और जिलाधिकारियों को बदलने के आदेश दिए हैं जहां अपराध का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा है।

मुख्यमंत्री सचिवालय में सूची बनाने में जुटे कुछ अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी, मध्य व पूर्वी उत्तर प्रदेश के चालीस से अधिक डीएम व एसएसपी बदलने की तैयारी है। शासन स्तर पर तैयार हो रही तबादला सूची में उन जिलों के नाम खास तौर पर शामिल किए गए हैं जहां बीते कुछ महीनों में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशें हुर्इं और समय रहते पुलिस व प्रशासन उस पर काबू पाने में नाकाम साबित हुआ। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि किस जिले में कौन सा एसएसपी व डीएम तैनात किया जाए, इस पर मंथन जारी है। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कई बार इस सूची को उन्हें दिखाने के लिए लाया जा चुका है। सूत्र बताते हैं कि बहुत जल्द इस सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि एक साल बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की खस्ताहाल कानून-व्यवस्था के मसले पर विपक्ष के हाथों घेरे जाने से पहले अखिलेश यादव इस मोर्चे पर फतह हासिल करने की कोशिश में हैं। वे किसी भी हाल में खस्ताहाल कानून-व्यवस्था के सामने अपने विकास के एजंडे को हाशिये पर आते देखने से बचना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने प्रदेश के आधे से अधिक जिलों के डीएम व एसएसपी बदलने को अपनी मंजूरी दे दी है।