चुनाव आयोग की तरफ से असम में विधानसभा चुनावों की तारीख के ऐलान के बाद से ही सत्तापक्ष भाजपा और विपक्ष के बीच मुद्दों की राजनीति शुरू हो गई है। जहां भाजपा के सभी बड़े नेता पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने पर बयान देते रहे हैं, वहीं कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) लगातार इसके खिलाफ प्रचार कर फायदा उठाने की कोशिश में है। अब AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि उनकी लड़ाई ही सीएए के खिलाफ है और वे सुनिश्चित करेंगे कि इस समस्या को खत्म किया जाए।
सीएए पर भाजपा नेताओं जता चुके हैं प्रतिबद्धता: बता दें कि असम में सीएए लागू करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर असम के कद्दावर नेता हिमंत बिस्वा सरमा भी बयान दे चुके हैं। शाह ने पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल में कहा था कि शाह ने कहा कि हम कोविड-19 टीकाकरण खत्म होने के बाद सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष सीएए पर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है। भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर इससे असर नहीं पड़ेगा।
शाह के साथ असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि CAA कानून के प्रति भारतीय जनता पार्टी वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध है। सरमा ने कहा है कि यह कानून पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि कानून को लेकर पार्टी की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। बीजेपी CAA को लेकर प्रतिबद्ध है। पूरे देश में सीएए कानून लागू होगा। भले ही हम जीतते हैं या हारते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदुओं और अल्पसंख्यकों का हम समर्थन करेंगे।
भाजपा के ऐलान पर बदरुद्दीन अजमल का हमला: AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने सीएए को लेकर भाजपा नेताओं के ऐलान पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून असम की संस्कृति के खिलाफ है और हम इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। अजमल ने कहा, “यह पूरी तरह असंवैधानिक है। सीएए असमी भाषा और यहां के लोगों के खिलाफ है। हम असमी भाषा पर कोई समझौता नहीं करेंगे।”
अजमल ने आगे कहा, “भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार सीएए के जरिए असम को त्रिपुरा की तरह ही बंगाली बहुलता वाला राज्य बनाना चाहती है। हम सीएए के खिलाफ लड़ते रहे हैं और हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।” भाजपा पर हमले तेज करते हुए कहा कि इस बार पार्टी का मिशन 100 किसी हालत में पूरा नहीं होगा और कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन ही सत्ता में आएगा।