दिल्ली के पांच इलाकों में वायु ट्रीटमेंट संयंत्र लगाए जाएंगे। ये पांच जगह सराय काले खान, आनंद विहार, कश्मीरी गेट, आइटीओ और एम्स हैं। इन पांच इलाके वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण हैं। इस क्रम में राजधानी की कई गलियों में 3 टायर वायु प्रदूषण संयंत्र लगाए जाएंगे। यह निर्णय दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को किया। दिल्ली के लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार दीपावली दो दिन पहले चेती है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को इस पर समीक्षा बैठक की और संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। गुरुवार को दिल्ली का प्रदूषण तत्त्व पीएम 10 का स्तर 401 व पीएम 2.5 का स्तर 367 तक हो गया। ये आंकड़ा पूसा का है। हवा में प्रदूषण स्तर मानकों के अनुसार 100 एक्यूआइ से ज्यादा नहीं होना चाहिए। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर बैठक की है। उन्होंने बताया कि सरकार राजधानी में उन पांच स्थानों पर वायु ट्रीटमेंट सयंत्र लगाएगी जहां पर सबसे ज्यादा वाहन गुजरते हैं। ये संयंत्र आइआइटी मुंबई ने तैयार किए हैं। पायलेट योजना के तहत राजधानी की कई गलियों में 3 टायर वायु प्रदूषण सयंत्र लगाए जाएंगे। नेशनल इस्ंटीटयूट एवांयरमेंट इंजीनियरिंग रिर्सच इस्ंटीटयूट (एनईईआरआई) के निदेशक राकेश कुमार और दिल्ली सरकार का वायु प्रदूषण नियत्रंण टास्क फोर्स एक साथ आइआइटी मुंबई के साथ मिलकर दिल्ली के प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के उपाय करेगें।


वायु उपचार संयंत्र सराय काले खान, आनंद विहार, कश्मीरी गेट, आईटीओ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान सस्ंथान में लगाए जाएंगे। एनईईआरई और आइआइटी मुंबई ने वायु नियत्रंण संयंत्र तैयार किए हैं। ये सयंत्र कार्बन मोनोआक्साईड , एनऔ एक्स, और हाईड्रोकार्बन पर नजर रखेगा। ये सयंत्र वायु में बढ़ रहे कार्बनमोनोआक्साईड को कम कर सकता है। जिस समय यातायात ज्यादा होता है, उस समय ये सयंत्र 20 से 30 मीटर के रेडियस में प्रदूषण लेवल 40 से 60 फीसद कम कर सकता है।
दिल्ली सरकार को ये पायलेट योजना दीपावली से पहले उस समय याद आयी है, जब दिल्ली का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली में प्रदूषण से दो करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। जाड़ों में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ जाता है। इससे दिल्लीवासियों को सांस की बीमारी, आंख लाल होना, आंखों में दर्द होना, आंखों से पानी बहना, सुनने की क्षमता प्रभावित होना, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, तनाव, धड़कन का अचानक बढ़ जाना या कम हो जाना आदि बीमारियां बड़ी तेजी से फैल रही हैैं। विशेषज्ञों के अनुसार राजधानी के पालतू पशु तथा अन्य पशुओं व जीव जंतुओं में तनाव बढ़ रहा है। इस कारण वे हिंसक हो रहे हैं।