केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को लोगों को ‘को-विन’ नाम के किसी मोबाइल ऐप को ‘डाउनलोड’ करने और उन पर सूचना साझा करने के खिलाफ आगाह किया। दरअसल, इन्हें शरारती तत्वों ने बनाया है और उनके नाम कोविड-19 टीकाकरण के लिए सरकार के आगामी आधिकारिक ऐप से मिलते-जुलते हैं।

हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘सरकार के आगामी आधिकारिक मंच से मिलते-जुलते नाम वाले कुछ ऐप शरारती तत्वों ने बनाए हैं, जो ऐपस्टोर्स पर हैं। उन (ऐप) को डाउनलोड या उन पर व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करें। एमओएचएफडब्ल्यू (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) का अधिकारिक मंच (सरकार से मंजूरी प्राप्त) ऐप आने पर उसे उपयुक्त रूप से प्रकाशित करेगा।’ ‘को-विन’ (कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) ऐप, एक डिजिटल मंच है जिसे केंद्र द्वारा कोविड-19 टीके की आपूर्ति एवं वितरण की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए बनाया गया है। यह क्रियान्वयन के लिए तकरीबन अपने अंतिम चरण में है और ‘गूगल प्ले’ स्टोर या किसी अन्य ऐप स्टोर पर अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि इस बीच, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वास्थ्य सेवाओं और अग्रिम मोर्चे के र्किमयों के आंकड़े एकत्र किये हैं। इन लोगों को प्रथम प्राथमिकता के तहत कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा। आंकड़े को-विन सॉफ्टवेयर पर अपलोड किये जा रहे हैं। मंत्रालय ने इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि को-विन डिजिटल मंच में डाउनलोड किये जाने योग्य एक मुफ्त मोबाइल ऐप होगा, जो टीके से जुड़े आंकड़े दर्ज करने में मदद करेगा। यदि कोई व्यक्ति टीका लगवाना चाहता है तो वह इस पर अपना पंजीकरण करा सकता है।

बता दें कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की एक सहायक कंपनी के एक आला अधिकारी ने बुधवार को कहा कि पहले चरण में पुणे से कोविड-19 के टीके की दो करोड़ खुराकों को आठ जनवरी तक देश के 41 गंतव्यों तक पहुंचाने की योजना पर काम जारी है। एएआई कार्गो लॉजिस्टिक्स एंड अलाइड र्सिवसेज (आईक्लास) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के. सेल्वाकुमार ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को जानकारी दी।

उन्होंने बतााय, ‘पहले चरण में कोविड-19 टीके की दो करोड़ खुराकों को पुणे से देश भर के 41 गंतव्यों तक 100 से ज्यादा उड़ानों की मदद से पहुंचाया जाना है। यह वितरण आज छह जनवरी से आठ जनवरी के बीच किए जाने की योजना है।’ उन्होंने बताया कि पहले चरण के दौरान मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों- इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में इस टीके की कुल नौ लाख खुराकें पहुंचाए जाने की योजना है।