उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी अक्सर अपनी ही सरकार को घेरते हुए नजर आते हैं। मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को एक बार फिर उन्होंने अग्निपथ योजना भर्ती फॉर्म में जाति कॉलम को लेकर सवाल उठाया है। उनके इस सवाल पर यूजर्स ने भी उनसे कई सवाल पूछे हैं।

भाजपा सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा-‘ सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।

वरुण गांधी के इस ट्वीट के बाद यूजर्स ने पलटवार करते हुए भाजपा सांसद से कई सवाल पूछे हैं। प्रकाश निगम नाम के यूजर ट्वीट करते हुए लिखा- ‘वरुण गांधी जी आप हर मुद्दे पर खुलकर बोलते हैं, बहुत अच्छी बात है पर आप कह किससे रहे हैं जरा साफ करें, ऐसे लिखने से फायदा क्या है, जब तक आपकी आवाज उस तक पहुंचेगी ही नहीं, क्या आप आम आदमी को मूर्ख समझते हैं, जिसको कहना चाह रहे है उसको टैग क्यों नहीं करते, या डर है किसी प्रकार का।

दिगम्बर नाहरवाल नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा कि राजपूत रेजीमेंट, जाट रेजीमेंट, गोरखा रेजीमेंट आदि नाम क्या आपने कभी सुने नहीं हैं? क्या नाना नेहरू, दादी इंदिरा, ताऊ राजीव और ताई, भैया-बहन ने कभी बताया नहीं? जातिगत आरक्षण हर स्थान पर होना आवश्यक नहीं, मगर जाति धर्म की जानकारी होना आवश्यक है।

मुकेश अंटौरियन नाम के यूजर लिखते हैं कि संसद में अगर दो चार पढ़े लिखे लोग हैं तो उसमें से आप एक हैं, जिसकी वजह से आप जब कुछ बोलते हैं तो उसे सुनते हैं और मानते भी हैं। हमेशा विरोध के नाम पर राजनीति करने वाले के साथ आप भी बिना कुछ जाने समझे ट्वीट करने लगते हैं। वो गलत है। ये आजादी के पहले से ही लिया जा रहा है कोई नया नहीं है।

जाति न पूछो साधु की, लेकिन जाति पूछो फौजी की: तेजस्वी यादव
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अग्निपथ भर्ती योजना का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए दो ट्वीट किए। पहले में लिखा- जात न पूछो साधु की, लेकिन जाति पूछो फौजी की। संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है। ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा।

तेजस्वी ने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा- ‘आजादी के बाद 75 साल तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, पर संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छंटनी करेगी।सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?