China Taiwan Tension: अमेरिका संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन आक्रामक रवैया अपना रहा है। पेलोसी की यात्रा पर भड़के चीन ने ताइवान के चारों ओर मिलिट्री ड्रील शुरू कर दी है, जिसे सीधे तौर पर ताइवान और अमेरिका को चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, चीन के इस कदम की ताइवान ने आलोचना की है और कहा है कि वह युद्ध की स्थिति में चीन को माकूल जवाब देने के लिए तैयार है। वहीं, कांग्रेस के आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक सुझाव दिया है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, “स्पीकर पेलोसी की ताइवान यात्रा ऐतिहासिक है, जैसा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शी जिनपिंग से कहा है कि संसद सरकार की एक शाखा के समान है, उसी तरह आपके नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी ताइवान की यात्रा पर विचार करना चाहिए।
हमें अभी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए- थरूर
कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर बयानबाजी करने वाले मनीष तिवारी के इस सुझाव पर सियासत गरमा सकती है। वहीं, कांग्रेस के एक अन्य सांसद शशि थरूर ने कहा, “एक सांसद के तौर पर मैं भी ताइवान गया था और अपने विदेश मंत्रालय के सहयोग से गया था। हमने संबंध बनाए रखा है लेकिन एकदम लो प्रोफाइल तरीके से। हमने वहां कभी उपराष्ट्रपति या लोकसभा स्पीकर को नहीं भेजा। मुझे नहीं लगता है कि अभी हमें ऐसा कुछ करना चाहिए।”
चीन ने दी थी अमेरिका को चेतावनी
नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर चीन ने अमेरिका को चेताया था। चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि नैंसी पेलोसी अपने एशिया दौरे के दौरान ताइवान जाती हैं तो अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी होगी। चीन के इस रूख का रूस ने भी समर्थन किया था और कहा था कि अमेरिका के इस कदम से क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
