कर्नाटक में मई 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते हुए पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बेंगलुरु पहुंचे थे। इस दौरान एक किसान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि आप दिल्ली और पंजाब में सत्ता में आने के बाद अब कर्नाटक में भी सरकार बनाएगी।
फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में आप की शानदार जीत ने कर्नाटक में पार्टी के कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर दिया है, जो राज्य में आम आदमी पार्टी का विस्तार करने की रणनीति के तहत आगामी बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) चुनावों की तैयारी में लग गए हैं।
कर्नाटक में नयी संभावनाएं तलाशने में जुटी आप- 2014 के लोकसभा चुनावों में AAP कर्नाटक में कोई कमाल नहीं दिखा पायी थी। पार्टी ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन पर उसका प्रदर्शन खराब रहा था। जिसके बाद आप ने 2015 का बेंगलुरु नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ा था। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह सभी सीटों पर बुरी तरह से हार गई। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में आप का वोट शेयर सिर्फ 0.06 प्रतिशत था। हालांकि, तब कर्नाटक में आप का कोई प्रमुख चेहरा नहीं था। लेकिन पंजाब जीत से उत्साहित पार्टी अब राज्य में अपनी संभावनाओं पर नए सिरे से तलाशने में जुटी है।
कई प्रमुख लोग हुए आप में शामिल- आप ने पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे को कर्नाटक प्रभारी नियुक्त किया है, जो नियमित रूप से राज्य का दौरा कर रहे हैं। सूत्रों के मुतसबिक, “पार्टी ने बेंगलुरु निकाय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।” आप की कर्नाटक इकाई ने कई प्रमुख लोगों को पार्टी में शामिल करना शुरू कर दिया है। पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि आप के दक्षिण बेंगलुरु के बसवनगुडी विधानसभा क्षेत्र से उन्हें मैदान में उतारने की संभावना है।
बेंगलुरु नगर निकाय चुनाव पर ध्यान- पार्टी सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में जनता दल (सेक्युलर) के कई नेता और सेवानिवृत्त अधिकारी भी आप में शामिल हो सकते हैं। सीएम केजरीवाल के 21 अप्रैल 2022 के बेंगलुरु कार्यक्रम में कर्नाटक राज्य रायता संघ (KRRS) के संयोजक कोडिहल्ली चंद्रशेखर आप में शामिल हो गए। उन्होंने केआरआरएस सदस्यों और किसानों से पार्टी को पूर्ण समर्थन देने का आग्रह किया। कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (केएएस) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के मथाई भी हाल ही में आप में शामिल हुए। आप के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव को बड़े पैमाने पर लड़ने का फैसला किया है क्योंकि यह एक बड़ा दक्षिणी राज्य है और काफी हद तक कृषि पर निर्भर है। अपनी योजना के तहत पार्टी वर्तमान में बेंगलुरु नगर निकाय चुनाव लड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।