Aam Aadmi Party Punjab: आम आदमी पार्टी ने शनिवार को पंजाब में डैमेज कंट्रोल करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक अनमोल गगन मान को मना लिया। बताना होगा कि मान ने शुक्रवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। मान के इस्तीफे की जानकारी सामने आते ही आम आदमी पार्टी एक्टिव हो गई थी।
मान का इस्तीफा इस वजह से भी पार्टी के लिए झटका था क्योंकि पिछले महीने ही कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
अनमोल गगन मान के इस्तीफे के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुटी और पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर पंजाब इकाई के संयोजक अमन अरोड़ा ने मान को मनाने की जिम्मेदारी संभाली।
आम आदमी पार्टी के लिए सुकून की बात यह रही कि वह अनमोल गगन मान को मनाने में कामयाब रही। अनमोल गगन मान राजनीति में आने से पहले जानी-मानी गायिका थीं और उनकी न सिर्फ पंजाब में बल्कि दुनिया के कई देशों में रहने वाले पंजाबियों के बीच अच्छी फैन फॉलोइंग है। अमन अरोड़ा ने मान के साथ लंबी बैठक करने के बाद कहा कि पार्टी उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करती है।
इसके बाद अनमोल गगन मान ने भी अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर जानकारी दी कि उन्होंने इस बारे में पार्टी के फैसले को स्वीकार किया है। मतलब साफ है कि AAP अनमोल गगन मान को मनाने में कामयाब रही है लेकिन किस हद तक, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
‘AAP का जन्म BJP और RSS की वजह से हुआ…’
पार्टी में कुछ गड़बड़ है?
पंजाब में 2027 की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती विपक्षी दल कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल से लड़ाई लड़ते हुए ही पंजाब की सत्ता में वापस लौटने की है लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा हुआ है कि क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी की राजनीति में कुछ गड़बड़ है? क्योंकि पहले धालीवाल का और फिर मान का इस्तीफा गड़बड़ी की बात को पुख्ता करता है। इसके अलावा पार्टी ने पिछले महीने विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह को 5 साल के लिए निलंबित कर दिया था। इस कार्रवाई को लेकर भी पार्टी के भीतर सवाल उठे थे और विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा था कि विजय प्रताप सिंह को सच बोलने की सजा मिली है।
अनमोल गगन मान की नाराजगी की एक वजह यह बताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव में खरड़ सीट से शिरोमणि अकाली दल के जिस उम्मीदवार रणजीत सिंह गिल को उन्होंने हराया था, उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा जोरों पर थी। शायद इस वजह से मान नाराज थीं। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने मान की नाराजगी को समझा और उन्हें यह भरोसा दिया है कि गिल को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।
फिर से सरकार बनाने की चुनौती
दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती पंजाब की सत्ता को बरकरार रखने की है। इसे देखते ही केजरीवाल ने अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसालार मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी बनाया है। देखना होगा कि आम आदमी पार्टी में विधानसभा चुनाव 2027 से पहले क्या कुछ और नेताओं की नाराजगी देखने को मिलेगी या फिर केजरीवाल पार्टी में सब कुछ ‘ठीक-ठाक’ कर देंगे।
इंडिया गठबंधन से अलग हुई AAP, क्या संसद में विपक्ष की आवाज को लगा है तगड़ा झटका?