AAP MLA Son: पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार (Bhagwant Mann Government) फिर से सवालों के घेरे में है। राज्य के लुधियाना शहर में नगर निगम में आम आदमी पार्टी के विधायक के बेटे को लीगल एडवाइजर बनाए जाने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। इसके बाद से विपक्ष दल चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है।
दरअसल मामला लुधियाना नॉर्थ से विधायक मदन लाल बग्गा (Ludhiana North MLA Madan Lal Bagga) से जुड़ा हुआ है। लुधियाना नगर निगम की वित्त और संविदात्मक समिति (F&CC) ने मदन लाल बग्गा के बेटे गौरव को एक प्राइवेट कंपनी के जरिए नगर निगम के लीगल एडवाइजर के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया है। जनवरी में पास किए गए इस प्रस्ताव के अनुसार, लीगल एडवाइजर का वेतन 54,000 रुपये तय किया है।
प्रस्ताव के अनुसार, (जिसकी एक कॉपी इंडियान एक्सप्रेस के पास भी है) लुधियाना नगर निगम से जुड़े करीब 250 केस हाई कोर्ट में पेंडिंग है। इसके अलावा 615 मामले निचली अदालतों में हैं। पंजाब सरकार ने एचआर आउटसोर्सिंग प्राइवेट कंपनी ग्रेटिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ 2024 तक का करार किया है। इसलिए जबतक नगर निगम (Ludhiana Municipal Corporation) स्थायी आधार पर एक रेगुलर लीगल एडवाइजर की भर्ती नहीं करती, तब तक यह कंपनी आउटसोर्सिंग के जरिए लीगल सेवाएं देगी।
प्रस्ताव में कहा गया है कि इस उद्देश्य के लिए मेयर बलकार सिंह संधू द्वारा एक समिति बनाई गई थी और समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय लिया गया था कि आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्त किए जाने वाले व्यक्ति को हर महीने 54,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान सीनियर एडवोकेट अशोक बजाज की सैलरी के बराबर होगा, जो वर्तमान में कई मामलों में नगर निगम की तरफ से पेश हो रहे है।
इस नियुक्ति के बारे में इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) से बात करते हुए लुधियाना के मेयर बलकार सिंह ने कहा कि हमने गौरव खुराना को एक प्राइवेट कंपनी के जरिए आउटसोर्स लीगल एडवइजर के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है, न कि नगर निगम के नियमित कर्मचारी के रूप में। अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह इसे मंजूरी देती है या नहीं। बलकार सिंह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। हालांकि दूसरी तरफ विपक्ष के नेता लगातार इस चयन पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि आम आदमी पार्टी के विधायक को हेरफेर कर फायदा पहुंचाया गया है।