आप सरकार के मंत्री का दावा है कि यूपी की सरकारी बसों से निकलने वाले धुएं के चलते दिल्ली की आबोहवा खराब हुई। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि राजधानी की हवा को प्रदूषित करने में पराली का भी बड़ा हाथ है। इससे PM 2.5 लेवल बढ़कर 26 फीसदी तक जा पहुंचा है। इस साल ये सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट कहती है कि खेत में आग लगने और उसके बाद उसके मुफीद मौसम होने से ये धुआं दिल्ली तक पहुंच रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दावा किया कि दिल्ली के आनंद विहार और विवेक विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) यूपी सरकार की बसों से निकलने वाले धुएं के कारण खराब हो गया है। आप नेता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि वे राज्य में दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में चलने वाली बसों पर नजर रखें।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। शहर का एक्यूआई 350 था। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शनिवार (28 अक्टूबर, 2022) को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और कंस्ट्रक्शन के कामों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए गोपाल राय ने कहा कि अगर दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान लागू किया गया तो वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 15 से 20 फीसद की कमी आएगी, लेकिन उपराज्यपाल ने अभियान को रोक दिया है।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में छठ पर्व पर राजनीति भी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ आप और विपक्षी बीजेपी के बीच यमुना नदी में प्रदूषण और त्योहार के लिए घाटों पर तैयारियों को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है। उपराज्यपाल ने इससे पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदूषण के कारण यमुना में जमने वाले झाग को लेकर चिंता जताई थी।
यमुना नदी में प्रदूषण और छठ पूजा समिति के सदस्यों द्वारा व्यवस्थाओं पर असंतोष व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर, दिल्ली के मंत्री ने कहा, “सरकार नदी को साफ करने के लिए काम कर रही है। अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने के लिए 5 साल मांगे हैं। सालों का गलत काम दो दिनों में पूरा नहीं किया जा सकता है।” दिल्ली में इस बार छठ पूजा के लिए 1100 घाट तैयार किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासन के समय केवल 40 स्थानों पर छठ पूजा की व्यवस्था की गई थी।