राशि मिश्रा

गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा होने के एक दिन बाद 4 नवंबर को आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने सीएम चेहरे का भी ऐलान कर दिया। पूर्व पत्रकार और AAP के जॉइंट जनरल सेक्रेटरी 40 वर्षीय इशुदान गढ़वी AAP का सीएम चेहरा होंगे। इसकी घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने की। उन्होंने कहा कि 73% लोग चाहते हैं कि आप का सीएम चेहरा गढ़वी हों। बीते दिनों इशुदान गढ़वी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की थी और चुनाव से जुड़े पांच मुद्दों पर अपनी राय रखी थी।

  1. पीएम मोदी पर AAP गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की विवादस्पद टिप्पणी को लेकर गढ़वी ने कहा, “वीडियो मुद्दा नहीं हैं। वे पुराने वीडियो को खोदना चाहते हैं क्योंकि महंगाई की समस्या का समाधान नहीं करना चाहते। अगर वीडियो मुद्दा होता तो कई लोगों ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। हार्दिक पटेल ने कई बार गाली दी। यहां तक ​​कि (भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष) गोरधन जदाफिया ने भी गाली दी। वे इटालिया को परेशान कर रहे हैं क्योंकि वह पाटीदार हैं, और पाटीदार आंदोलन को देखते हुए बीजेपी को पाटीदारों से नफरत है। इटालिया किसी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं।”
  2. अरविंद केजरीवाल पर हिंदू विरोधी आरोपों को लेकर लगे पोस्टर पर गढ़वी ने कहा, “लोग इन सब से ऊब चुके हैं। उन्होंने इतनी जल्दी में पोस्टर लगा दिए। उन्हें महामारी, पेपर लीक, महंगाई, भ्रष्टाचार के खिलाफ उसी तरह काम करना चाहिए था। भाजपा जो कुछ भी कर रही है, लोगों को परेशान कर रही है, उसका उल्टा असर हो रहा है। केजरीवाल ने ये शब्द (पोस्टर्स पर) कभी नहीं कहे। वे केजरीवाल के नाम पर देवताओं को नीचा दिखा रहे हैं। रावण भी ऐसा ही करता था, कंस भी ऐसे ही करता था, और ये बीजेपी भी ऐसे ही करती है।”
  3. कभी मेधा पाटकर (नर्मदा डैम का विरोध किया था) को टिकट देने पर बीजेपी के हमले को लेकर गढ़वी ने कहा, “2016 में बीजेपी (कश्मीर में पीडीपी नेता) मुफ्ती सईद (एक आतंकी के साथ) के साथ थी। हमें नहीं पता कि मेधा पाटकर कौन है? हमारी पार्टी में कोई मेधा पाटकर नहीं है। अगर वह हमारी पार्टी में नहीं हैं, तो हम उस पर टिप्पणी क्यों करें?”
  4. गुजरात में AAP की भूमिका को लेकर गढ़वी ने कहा, “हमारी पार्टी कोई तीसरी पार्टी नहीं है, बल्कि विपक्ष में है। कांग्रेस के पास कभी कोई वोट बैंक नहीं था। आप के गुजरात में प्रवेश करते ही कई लोग आप में शामिल हो गए। कोई तीसरा पक्ष किसी राज्य में तभी प्रवेश करता है जब दो मौजूदा दलों में से कोई एक कमजोर हो। यहां कांग्रेस खत्म हो गई है, खासकर 2021 के पंचायत चुनाव के बाद।”
  5. वहीं AAP में बड़े पद पर कोई अल्पसंख्यक नेता न होने को लेकर गढ़वी ने कहा, “हम उस तरह की राजनीति में नहीं पड़ते। हम सिर्फ काम की राजनीति करते हैं। हर समुदाय का हर व्यक्ति सुरक्षित रहे, अच्छी शिक्षा मिले, रोजगार मिले, बिजली मिले यही हमारा उद्देश्य है।”