एक साल पहले विशाल बहुमत से दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने शासन के एक साल पूरे कर लिए हैं। दिल्ली की राजनीति का चेहरा बदलने की उम्मीद में लोगों ने आप में भरोसा दिखाया और उसे राजधानी की सत्ता सौंपी। आप सरकार के पास चार साल और हैं लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए। किसी भी सरकार के कार्यकाल को आंकने के लिए एक साल का वक्त निश्चित ही कम है, लेकिन इस अवधि में उसकी मंशा और सक्षमता जरूर नजर आ जाती है।
एक साल के कार्यकाल में आप सरकार ने सुर्खियों में बने रहने का कोई मौका नहीं छोड़ा। आप विधायकों की गिरफ्तारी हो, मीडिया के खिलाफ सर्कुलर हो, प्रचार के लिए 526 करोड़ का बजट हो या विधायकों के वेतन में 400 फीसद की बढ़ोतरी हो, केजरीवाल सरकार इन सभी मामलों को लेकर साल भर खबरों में रही। मुख्यमंत्री केजरीवाल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ विवाद के कारण चर्चा में बने रहे।
सरकार के एक साल पूरे होने पर स्वराज अभियान की एक टीम ने दिल्ली की जनता को सरकार के चुनावी वादे याद दिलाने के लिए एक अभियान चलाया। इसके लिए आप के घोषणापत्र के 70 बिंदुओं के आधार पर 20 सवालों की एक प्रश्नावली तैयार की गई। 10 से 14 फरवरी के बीच दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 10 हजार लोगों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया।