अभी लोग कोरोना की दहशत से उबर नहीं पाए थे कि उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक गांव में अज्ञात बीमारी के फैलने और बच्चों की मौत से खलबली मच गई है। जिले के थाना फरह क्षेत्र के गांव कोह में पिछले चार दिन में आठ बच्चों ने दम तोड़ दिया। गांव की आधी आबादी बीमारी से पीड़ित है। करीब-करीब हर घर में कोई न कोई बिस्तर पर तड़प रहा है। बीमारी अब गांव से निकलकर पड़ोस के आगरा और राजस्थान के भरतपुर तक पहुंच गई है। इससे लोगों में दहशत है। मरने वाले सभी बच्चे 4 से 15 वर्ष की उम्र के हैं।
सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी से पीड़ित 100 से अधिक लोग भर्ती है। कुछ लोगों काे आगरा, फरह, अछनेरा, भरतपुर के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लोगों ने बताया कि बुखार आता है और बच्चों का बदन नीला पड़ जाता है। अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही आधे घंटे से कम समय में मौत हो जा रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसकी सूचना कई दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस वजह से मौतों की संख्या बढ़ गई है। आलम यह है कि जिलाधिकारी नवनीत चहल को बताने पर उन्होंने सीएमओ के लिए और सीएमओ ने सीएचसी प्रभारी से बात करने के लिए कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। कोई अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहा।
स्थिति जब काफी बिगड़ गई तब स्वास्थ्य विभाग के अफसर एक्टिव हुए और गांव पहुंचे। लोगों के गुस्से को देखते हुए वहां पुलिस तैनात कर दी गई है। बीमारी की जानकारी पर स्थानीय विधायक पूरन प्रकाश भी पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की।
गांव के खेम सिंह सिसोदिया के मुताबिक बीमारी से रुचि, रमिया, अवनीश, राम सेवक, हनी, रेखा, टिंकू आदि की मौत हुई है। कई की हालत काफी गंभीर है। गांव के पूर्व प्रधान लाखन सिंह ने बताया कि अब जब स्थिति गंभीर हो गई तो स्वास्थ्य विभाग और नगर पंचायत की ओर से गांव में सैनिटाइज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीणों को मास्क और सैनिटाइजर भी बांटे जा रहे हैं। गांव में अब सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई है, लेकिन काफी देर से आई। डीएम के निर्देश पर एसडीएम भी गांव पहुंचे हैं।
हालांकि हालत में कोई खास सुधार नहीं नजर आ रहा है। डॉक्टर ब्लड सैंपल लेकर जांच कर रहे हैं। कुछ लोग इसे वायरल फीवर कह रहे है तो कुछ लोग इसे रहस्यमय बीमारी का नाम दे रहे हैं। फिलहाल स्थिति गंभीर बनी हुई है।