बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में आईं भाजपा विधायक साधना सिंह के खिलाफ सात आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। साधना पहली बार ही विधायक बनी हैं। एएनआई के मुताबिक यह जानकारी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर को दिए उनके शपथ पत्र से सामने आई है। उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में दंगे भड़काने, क्रूरता, आपराधिक लोगों के सहारे सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने और दूसरों की जिंदगी को खतरे में डालने जैसे मामले शामिल हैं।
एक भाजपा कार्यकर्ता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘राजनीति में आने से पहले वे चंदौली व्यापार मंडल की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और चंदौली भाजपा महिला मोर्चा का नेतृत्व भी कर चुकी है।’ 2017 के चुनाव में मुगलसराय से भाजपा विधायक बनीं साधना सिंह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। मई 2017 में चुनाव के दो महीने बाद ही यूरोपियन कॉलोनी में सफाई की कमी देखकर वे कथित तौर पर मुगलसराय के डीआरएम (डिविजनल रेलवे मैनेजर) पर भड़क गई थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने डीआरएम को मौके पर बुलाया था लेकिन वे नहीं पहुंच पाए। इसके बाद साधना सिंह अपने समर्थकों के साथ डीआरएम ऑफिस पहुंच गईं जहां उन्होंने आपा खो दिया और अधिकारी से सीधे बहस करने लगीं। बाद में सुरक्षा अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। उस समय साधना सिंह ने कहा था कि वे डीआरएम के खिलाफ रेल मंत्री को लिखित शिकायत देगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में साधना सिंह ने मायावती को गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए विवादित बयान दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने अपने कहे पर सफाई भी दी थी।
