योगी सरकार ने एनकाउंटर में मारे गये विकास दुबे और उसके रिश्तेदारों की 67 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है। कानपुर में बिकरू काण्ड के बाद विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। कानपुर की जिला अदालत ने विकास दुबे और उसके रिश्तेदारों की संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया है। साथ ही विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी के खिलाफ भी प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
विकास दुबे और उसके कुछ रिश्तेदारों की संपत्ति को लेकर कानपुर के एसपी आउटर ने डीएम कानपुर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया। बिकरू, चौबेपुर, कानपुर देहात, लखनऊ की 13 अचल और 10 चल संपत्तियों को कोर्ट ने अटैच किया है। संपत्तियों पर तहसीलदार स्तर का अधिकारी बतौर रिसीवर तैनात होगा और उसके ही हस्ताक्षर होंगे। जब्त हुई संपत्तियों में विकास दुबे की पत्नी की संपत्ति, माँ की संपत्ति और दोनों बेटों की संपत्ति शामिल है।
वहीं अब विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी के खिलाफ EOW जांच करेगा। अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने जय वाजपेयी समेत 53 लोगों के खिलाफ शासन में शिकायत की थी, जिसके बाद अब जय वाजपेयी समेत 53 लोगों के खिलाफ जांच होगी।
बता दे कि 2 जुलाई 2020 को यूपी के कानपुर में बिकरू कांड हुआ था। इस कांड में विकास दुबे और उसके साथियों ने अपने गाँव बिकरू में पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाई थी और इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थें। इस घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। पुलिस ने बाद में कार्रवाई करते हुए विकास के कई साथियों का एनकाउंटर किया था और विकास को 10 जुलाई को मध्यप्रदेश के उज्जैन में पकड़ा गया था।
विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ सड़क के रास्ते विकास को कानपुर ला रही थी लेकिन कानपुर पहुंचने के पहले ही यूपी पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया। पुलिस के अनुसार विकास ने रास्ते में पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया।