मध्य प्रदेश के गुना में शनिवार (14 मई 2022) सुबह काले हिरण का शिकार कर भाग रहे शिकारियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस हमले में एक सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। जिसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि राज्य में 5 महीने में पुलिस पर 51 हमले हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मध्य प्रदेश में देशी कट्टा एक हजार से पांच हजार में मिल रहा है।
दिग्विजय सिंह ने एक रिपोर्ट शेयर की जिसके मुताबिक प्रदेश में बेखौफ बदमाशों ने पिछले पांच महीनों में पुलिस पर 51 बार हमले किए हैं। कांग्रेस नेता ने ट्वीट में लिखा, “मप्र पुलिस में बढ़ता हुआ हस्तक्षेप, अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण, ईमानदार पुलिसकर्मियों को भाजपा नेताओं द्वारा अपमानित करना इसके प्रमुख कारण हैं।”
इसके साथ ही एक दूसरे ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा, “देशी कट्टा 1000 से 5000 तक में आसानी से उपलब्ध है। खुले आम मप्र के कुछ इलाक़ों में देशी कट्टे बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश से भी आ रहे हैं। पुलिस के पास पूरी जानकारी है लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।”
सबसे ज्यादा हमले ग्वालियर-चंबल में: दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में पुलिस पर गोली चलाने से लेकर चाकू मारने, मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालने की घटनाएं सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल रीज़न में हुई हैं। पुलिस पर सबसे ज्यादा हमले रेत माफिया, अवैध शराब और अवैध शिकार के मामलों में हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में पुलिस पर हमले की हर साल 75-80 घटनाएं होती हैं। जिनमें से 32 घटनाएं अवैध खनन, अवैध शराब और शिकार को रोकने के दौरान होती हैं। वहीं, पुलिस पर हमले की 19 घटनाएं फरार आरोपी को पकड़ने या कानून व्यवस्था बनाने के दौरान होती है।
गुना में मारे गए तीन पुलिसकर्मी: 14 मई की सुबह गुना के आरोन में शिकारियों के काले हिरणों और मोर का शिकार करने की सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी की, तो आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। हमले में एसआई राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हो गए थे। मौके से पांच हिरणों के शव भी जब्त किए थे।