UP Politics: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को एक हफ्ते के अंदर दूसरा बड़ा झटका लगा है। सुभासपा के 45 कार्यकर्ताओं ने बुधवार (7 सितंबर, 2022) को एक साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ओपी राजभर का साथ छोड़ने वाले सुभासपा के पूर्व उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के समर्थन में सभी ने इस्तीफा दिया है। मऊ के कोपागंज में आयोजित बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने बड़ा फैसला लिया है।

ओपी राजभर को पिछले एक महीने में कई झटके लग चुके हैं। पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह ने कई पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दिया था। उन्होंने नया दल भी बना लिया था। इसके बाद ओपी राजभर के समधि लगने वाले पार्टी के उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने पार्टी छोड़ी। अब 45 ने एक साथ इस्तीफा दिया है।

बता दें, इस्तीफा देने के बाद मऊ में पत्रकारों से बात करते हुए महेंद्र राजभर ने कहा था कि सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर हमेशा पैसा पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्टी की स्थापना 20 साल पहले 27 अक्टूबर 2002 को सभी की मौजूदगी में हुई थी। उस समय पार्टी का मिशन गरीबों, दलितों, मजदूरों और वंचित समाज का उत्थान था। उन्होंने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश राजभर पार्टी के मिशन से भटक गए हैं। वह किसी भी तरह से सिर्फ पैसा कमाने में लगे हुए हैं। पार्टी की स्थापना समाज के उत्थान के लिए की गई थी, लेकिन अब यह अपने लक्ष्य से भटक गई है।

महेंद्र राजभर ने आरोप लगाया था कि ओम प्रकाश राजभर केवल मुख्तार अंसारी की बात सुनते हैं। ओपी राजभर मुख्तार अंसारी को अपना बड़ा भाई मानते हैं। हम लोगों से वो कोई राय नहीं लेते हैं, जो मुख्तार अंसारी कहते हैं, ओम प्रकाश राजभर वही करते हैं।

वहीं, ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सुभासपा एक पाठशाला की तरह है। यहां आकर लोग सीखते हैं और जब बड़ी डिग्री पाने की आकांक्षा जगती है, तो ऐसा कदम उठाते हैं. अरुण राजभर का कहना है कि महेंद्र काफी समय से पार्टी के सदस्य हैं और अभी तक काफी खुश थे. अचानक क्या हो गया?