नालसा की 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट के उद्घाटन समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगई को लेकर बड़ा बयान दिया है। अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश के चार जजों ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, उनमें से एक CJI बने और फिर संसद पहुंचे। सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे।
सीएम गहलोत ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और बाद में उनमें से एक CJI रंजन गोगोई बने। मैंने राष्ट्रपति से पूछा था कि क्या गोगोई पहले ठीक थे या अब ठीक हैं? यह मेरी समझ से परे है। फिर वे सांसद बने।”
प्रधानमंत्री कोई बात कहेंगे तो देश सुनेगा: अशोक गहलोत ने कहा, “हम बार-बार कहते हैं कि देश में तनाव है, हिंसा का माहौल है। यह नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र सहिष्णुता पर टिका होता है। सहिष्णुता तो लोकतंत्र का गहना है, जो आज गायब है।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री, अगर वह कोई बात कहेगा तो देश सुनेगा। तो क्या प्रधानमंत्री जी को यह नहीं कहना चाहिए कि देश में भाईचारा, प्रेम-मोहब्बत, सद्भावना रहनी चाहिए और किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
मेरी सरकार कैसे बच गई: सीएम गहलोत ने मंच पर बैठे केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से कहा वह उनकी इस भावना को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाएं। अशोक गहलोत ने देश में चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश के हालात बहुत नाजुक हैं, इस बारे में हम सबको सोचना होगा। उन्होंने कहा, “गोवा, मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सरकारों को उखाड़ा जा रहा है। क्या देश में लोकतंत्र है? मुझे नहीं पता कि मेरी सरकार कैसे बच गई। मैं आज आपके सामने खड़ा नहीं होता। आप आज किसी और मुख्यमंत्री से मिल रहे होते।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और न्यायाधीश, हम सब शपथ लेते हैं। अगर शपथ की मूल भावना को भी आत्मसात कर लें, उससे राइट-लेफ्ट नहीं भटकें तो भी काम चल जाएगा। शपथ लेने के बाद भी हम लोग राइट-लेफ्ट होते हैं तो संतुलन बिगड़ता है।