महाराष्ट्र के ओस्मानाबाद जिले के कालंब तालुका के देवलाली गांव में मराठी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 16 साल के एक लड़के ने सुसाइड कर लिया। उसकी पहचान अक्षय शाहजी देवकर के रूप में हुई। हालांकि, पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल इस मामले में शिराधोन थाने में एक्सिडेंटल डेथ का केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही, पुलिस सुसाइड की वजह पता लगाने का प्रयास कर रही है।
मामले के जांच अधिकारी एएसआई एसबी बनसोडे ने बताया कि यह घटना हाल ही में हुई है। इससे बच्चे के परिजन सदमे में हैं। वे रविवार (23 जून) को थाने आएंगे। फिलहाल यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि अक्षय के सुसाइड के पीछे असल वजह क्या है।
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अक्षय के पिता किसान हैं और उनके पास करीब 5 एकड़ जमीन है। पुलिस के मुताबिक, अक्षय ने अपनी शुरुआती शिक्षा देवलाली गांव के एक स्कूल से की थी। इसके बाद उसने लातूर जिले के साने गुरुजी स्कूल में एडमिशन लिया था। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद अक्षय ने सेकंडरी स्कूल में काफी मेहनत की और एसएससी की परीक्षा में 94.20 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए थे। उसने 11वीं के लिए लातूर के नामी कॉलेज राजश्री साहू में अप्लाई किया था।
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परिजनों के मुताबिक, अक्षय डॉक्टर बनना चाहता था। हालांकि, वह इस बात को लेकर तनाव में था कि एसएससी एग्जाम में इतने नंबर लाने के बाद भी उसका एडमिशन मनपसंद कॉलेज में होगा या नहीं। शिरधोना थाने के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अनुमान है कि उसने इसी चिंता में सुसाइड कर लिया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले व राज्यसभा के सदस्य संभाजी राजे छत्रपति ने इस घटना पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने इस संबंध में फेसबुक पर भी पोस्ट लिखी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि आरक्षण के कारण मराठा समुदाय की घुटन इस घटना के रूप में सामने आई है।
